आपने बिल्कुल सही फरमाया जो गुमराह करने वाले लोग हैं उन्हें आपकी बातें पसंद नहीं आएगा क्योंकि या तो ये गुमराह हैं है या उनकी मंशा गुमराह ही करने कीहै लेकिन आप चिंता ना करें सत्यको परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं आप महान हैं आपने महान कामकिया है भगवान आपको इस महान रास्ते पर चलने की महान शक्ति प्रदान करें हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं ।।जय हिंद जय भारत जय श्री राम।।
@shreyagavali6943 Жыл бұрын
अंबेडकर का अंबेडकर ने पूरी दुनिया की डिग्री ले ली मगर अपने ही धर्म के ग्रंथों को नहीं समझा और अपने लोगों को नहीं समझ आया यही बड़ी दुख की बात है
@MrSingh-hg3nj5 жыл бұрын
मेने यहाँ दर्ज अधिकतर टिप्पणी पढी पर विरोध करने वाले भाई उचित तर्क नही दे पा रहे विरोध करना है केवल इसलिए विरोध कर रहे है
@pramodojha85933 жыл бұрын
1qq
@sudamanetam41976 жыл бұрын
मनुस्मृति को महिमा मंडन करने का प्रयास सराहनीय है। परंतु दलितों का उत्थान मनुस्मृति से नही , संविधान से हुआ है। इसे भी नकारा नही जा सकता।
@suriyanagrijodhpur7043 Жыл бұрын
Savidhan ki utpati kaha se hui
@hargyankaushik4383 Жыл бұрын
जातिवादी मानसिकता तो संविधान से आती है जिसमें जाति के आधार पर आरक्षण की बात कही गई है और 70 75 सालों के बाद भी जिस व्यवस्था से दलित दलित ही रह गया स्वर्ण नहीं बन पाया एसे संविधान का क्या करना चाहिए इस पर विचार कीजिए
@errajkumar12826 жыл бұрын
ब्राम्हण और क्षत्रिय औरतों के पेट में ही संस्कार हो जाते हैं आदरणीय, जो जन्म होते ही महाराज और कुँवर पैदा होते हैं। और जो आपकी नजर में शूद्र हैं वो पढे लिखे होने के वाद भी छुआछूत के शिकार होते हैं। किताब लिखने की क्यों जरूरत पढी, मूल किताब कहाँ है।
@sabitridas2146 жыл бұрын
तो बताओ अंग्रेजों के आने के पूर्व भारत देश में सभी मूलनिवासी अनपढ़ क्यों थे??
@vijaymallick96503 жыл бұрын
Niscit rup se the.... Jiska praman ajj v gaon me milta hay...
@rishikeshkumar71033 жыл бұрын
Mulnivasi jaisa kuch nahi hota . Visuddh Manusmriti padho
@TubeSound45610 ай бұрын
अंबेडकर जी सिर्फ संविधान सभा के अध्यक्ष थे ना की लेखक अतः सम्मान देना अच्छा है परंतु किसी का अपमान करके नही अतः पूर्ण ज्ञान लें और दें यही सबके लिए उचित है।
@AnshuKumar-un4bz9 ай бұрын
Jake America aur briten wale se puchhna
@kishorilal86576 жыл бұрын
क्या बात करते है आप ? आज राष्ट्रपति दलित है तो उसका श्रेय आप मनुस्मृति को दे रहै.सरासर गुमराह कर रहै. आज अगर कोई दलित किसी भी पद पर है तो बाबासाहेब के बनाये हुये सँविधान की वजह से है. मनुस्मृति मे तो शुद्र की शिक्षा पर ही रोक है।। और कुछ लोगो ने अगर इधर उधर से शिक्षा लेने की कोशिश किया तो उनका परिणाम बहुत दुखद रहा । जैसे शम्बूक पढा रामने ब्राहमणो को खुश करने के लिये शम्बूक की हत्या करदी । अर्जुन के लियै द्रोणाचार्य दोगले ने एकलब्य का अँगूठा काट लिया...कर्ण को बार बार शुद्र पुत्र कहकर अपमानित किया गया.. तो महाशय सँविधान की बात करे मनुस्मृति की नही
@selfadopt21902 жыл бұрын
You are a dalit, you will only support and justify a dalit.
@khedeji74376 жыл бұрын
Jai sanvidhan
@bantibabu82166 жыл бұрын
अगर जन्म से सभी शूद्र होते हैं तो कोई ब्राह्मण या ठाकुर शूद्र क्यों नहीं होता शूद्र ही सूत्र क्या होता है वह ब्राह्मण क्यों नहीं बन सकते
@buddhipalshakya17466 жыл бұрын
Pndit ke ghar khane se pndit nhi bnege. Dlit ke ghar hkane se dlit bnege. Aapka dimosn hea prmosn nhi ahi mnuismrti hea.
@warrior_rana_108 Жыл бұрын
Bhai To aap Manusmriti kyo jalate ho Jab Usme likha hai ki sab janm se shudr Hote Hai. iska mtlb manusmriti achhi hai
@kishorebaman7664 Жыл бұрын
Sahi kaha aapne bhaiya...chutiya bnate h...hm inki nzr me nich h nich hi rhenge baat khtm
@warrior_rana_108 Жыл бұрын
आपकी इस बात पर मैं बस यही कहूंगा की कभी डॉक्टर का बेटा अनपढ़ देखा है?
@Dharmrajniti Жыл бұрын
क्योंकि वर्तमान में संविधान ने जन्म आधारित ठप्पा लगा रखा है जो ब्रहामण के घर जन्म लेगा वह ब्राह्मण ही कहलायेगा और जो क्षत्रिय के घर जन्म लेगा वह क्षत्रिय अगर आप मनुस्मृति को लागू करवाते हो तो वर्तमान के सभी ब्रहामण क्षत्रिय खुद को ब्राह्मण क्षत्रिय नहीं बोल पाएंगे क्योंकि मनुस्मृति कर्म के आधार पर वर्गीकरण करती है ना की जन्म के आधार पर इसलिए ब्राह्मण क्षत्रिय कभी मनुस्मृति को स्वीकार नहीं करते। जिस दिन तुम लोगों ने मनुस्मृति को स्वीकार कर लिया उस दिन तुम खुलकर ब्रहामण क्षत्रिय को बोल सकते हो की तुम यह कर्म कर रहे हो इसलिए तुम ब्राह्मण नही
@VikcySoni-u9z3 ай бұрын
Jay Jay vishuddh manusmriti Jay Manu Maharaj
@ranjeetkumargautamgautam76596 жыл бұрын
25 December ko manusmrti ko hr saal moolnivasi jalate h aur jalate rahenge ,,
@krrishnakantprasad62554 жыл бұрын
Han bilkul Aisa hi hona chahiye
@engineer_11182 жыл бұрын
Janm se sabhi shudra hain.....aur karm sanskar se sabhi brahmad 🚩🚩
@computerMantra6 жыл бұрын
विश्व मे पूजा अम्बेडकर की होती है । पागल मनु की नही । इसे कुछ ही लोग मानते है । जो कि अंधविश्वास में आस्था रखते हैं ।
@rishikumargautam40396 жыл бұрын
Jai bhim namo buddhay Sir Good
@harshchauhan4226 жыл бұрын
अरे चूतिये भारत के अलावा कोई कुत्ता भी नहीं पूछता इसको
@CHANAKYA91415 жыл бұрын
Gandu bhimto के अलावा kutta भी नहीं जानता समझा
@rajeshwareedeshpande49615 жыл бұрын
संविधान तेरे बाप आंबेडकर की देन नही है। घटना समिती की देन है। इसके हर कलम पर संसद मे चर्चा हुयी। मान्यता मिलनेपर लाग हुवा।
@CHANAKYA91415 жыл бұрын
लौड़ा होता सिर्फ तेरे जैसे जाहिल करते हैं जिसको ये नहीं पता सांविधान ब्रिटिश एक्ट 1935 की कॉपी है
@bhartiye_5 жыл бұрын
अब मनुस्मृति पड़ने के बाद पता चला कि मनुस्मृति ही सत्य है। ये नेता और मीडिया वाले भरम फैलाते है।
@arvindsawale70176 жыл бұрын
मनुस्मृती को संविधान बोलना ही गलत है..। और मनु ने लिखागया एक धार्मीक ग्रंथ है। संविधान ये देश चलना के बनाया है । बाकी सब बयान बकवास है।
@lalji67885 жыл бұрын
महोदय !आपकी वार्ता उचित लगी। साधुवाद।आगे निवेदन है कि जिन प्रक्षिप्त श्लोकों ने हमारे जीवन कोअकल्पित हद तक नारकीय बनाया,समाज के सम्मुख आकर उन्हें प्रक्षिप्त स्वीकारने,हटाने ,साथ ही आज भी यत्र -तत्र दिखती रहने वाली उस नारकीयता, अमानवीयता को पूर्णतः समाप्त करने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी भी आपको ही ,यह स्वीकारते हूए उठानी चाहिए, कि इस शुद्धता/प्रक्षिप्तताके जिम्मेदार भी आप अर्थात् ब्राम्हण ही हैं।कृपया उद्घोष करें।भविष्य उज्ज्वल है।
@SCI-i4h4 жыл бұрын
मनुस्मृति में वामपंथियों ने अपने घिनोने षड्यन्त्र से गलत श्लोकों को जोड़कर ही हम दलित लोगों को धर्म के नाम पर जातियों में बांट कर राज किया । जिसका फायदा कांग्रेस भी भरपूर उठा रही है✍️ यही सत्य है
@satyamdiwakar54403 жыл бұрын
थुकता हु तुम्हारे मनुस्मृति पे मै जय भीम जय सविंधान 💪💪
@dushyantsingh66533 жыл бұрын
kavve ko padaye char ved raha dhed ka dhed bhudi hain tujme bimte tumare jese ko gharna ka pathra ho logo ko ese hi
@satyamdiwakar54403 жыл бұрын
@@dushyantsingh6653 तुम्हारे वेद पुराण मे क्या लिखा है कभी पढा़ है तुने मनुवाद के पुजारी🔫🔫🔫🔫🔫
@rahulbajaj27103 жыл бұрын
Thukta hoo mein samvhidhan par ambedkar Kar jisne is desh ki vatt laga di
@rishikeshkumar71033 жыл бұрын
@@satyamdiwakar5440 Read visuddh manusmriti and clear your all doubts. They have translated the texts with native sanscrit scholars and taken original verses.
@manojdrevtid81603 жыл бұрын
@@rahulbajaj2710 desh ki nahi brahmnoki videshionki.jay mulnivsi jay bharat.
@Yamham886 жыл бұрын
मनुस्मृति में बदलाव किसने किए क्योंकि संस्कृत पढने पढ़ने का अधिकार तो बाम्हणों को ही था
@NATH-l5x6 жыл бұрын
Manusmriti me badlav angrejo ne kiya hai
@NATH-l5x6 жыл бұрын
Hindu dharma ko badnam karne ke liye
@M.S.bilwal166 жыл бұрын
एकलव्य ने अपना अगूठॉ क्यों काटा था
@kamartaj30105 жыл бұрын
Narottam Pathak unko sanskrit bahmano ne hi sikhayi thi chu
@kamartaj30105 жыл бұрын
Mangal Singh yeh chutiye hindu apologist kabhi apni galti nahi manenge. Kal bolenge dalit utpidan sahi h kyuki Ram ne shambuk ko mara tha
@ramkrishandhakad7624 Жыл бұрын
बिल्कुल सही यह कार्य बहुत पहिले हो जाना चाहिए था सत्य स्थापित किया आपका उपकार
@mahipalkumar79756 жыл бұрын
Fuddu nahi banegi janta Jai savidhan
@rishikeshkumar71033 жыл бұрын
Visuddh Manusmriti padho
@surajlodisurajbairwa51806 жыл бұрын
आप कह रहे हैं की जन्म से हर व्यक्ति शुदृ है तो फिर यह जातिवाद क्यों ब्राह्मण की बेटी दलित के साथ शादी क्यों ना कर दी जाए आपकी क्या राय आर्य जी
@AnilKumar-gv4lh6 жыл бұрын
गधों का ज्ञान गधो को ही सही लगेगा। जिसने मानव को बाँट कर रखा वो कैसे सही हो सकता है।
@user-rz6fe4wq1g6 жыл бұрын
Anil Kumar
@adhyamaurdharm30936 жыл бұрын
Anil Kumar भाई मनुस्मृति में मिलावट की गई है। आज भी सही मनुस्मृति उपलब्ध है।
@adhyamaurdharm30936 жыл бұрын
Anil Kumar kzbin.info/www/bejne/ipCmfa2hZb13bMk
@NareshKumar-vx3sw6 жыл бұрын
100% gadho ka gyaan
@ratnaker166 жыл бұрын
'अनुसूचित जाति का व्यक्ति राष्ट्रपति बना ये मनुस्मृति से संभव हुआ |' चुप बे गधे
@parbhakarprasad153 Жыл бұрын
सत्यार्थप्रकाश और मनुस्मृति पूर्णत: विरुद्ध है,
@avneendrakumar93726 жыл бұрын
एक पुस्तक जो हजारो साल पहले लिखी गई उसको लेकर आज के समय मैं ये चर्चा ब्यर्थ है आज क्या आप लोग सभी लोगो को समान मानते है ।शायद नही आज भी देश मे ऊंच नीच है देश मे
@sandeephalder25626 жыл бұрын
manusmiriti padh ke comment kare. bakwas na kare
@rakheekumari85813 жыл бұрын
Jay bhim jay samvidhan
@vinit13662 жыл бұрын
Bhimta
@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण Жыл бұрын
:-बहुजन जागो, हिन्दू धर्म त्यागो, बौद्ध धर्म अपनाओ, बाबा साहेब का वचन निभाओ, BJP भगाओ, EVM हटाओ,भारत देश बचाओ, जय हिंद,जय भारत।।। 🌹🌹🌹
@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण Жыл бұрын
:-बहुजन जागो, हिन्दू धर्म त्यागो, बौद्ध धर्म अपनाओ, बाबा साहेब का वचन निभाओ, BJP भगाओ, EVM हटाओ,भारत देश बचाओ, जय हिंद,जय भारत।।। 🌹🌹🌹
@prashikbahade9416 жыл бұрын
कोई ब्राह्मण शूद्र क्यों नहीं होता है ।सभी ब्राह्मण वर्ण व्यवस्था के ऊपर ही क्यों होता है ।मनुस्मृतीने सभी अधिकार ब्राह्मणें को ही क्यों दिए हैं ।ब्राह्मण चाहे कितने भी गलतियां कर लें लेकिन वो सर्वश्रेष्ठ रहता है मनुस्मृती के नुसार ऐसा क्यूं ।
@vishalchaubey75476 жыл бұрын
Prashik Bahade भाई आपने मनुस्मृति नहीं पढ़ी है। उदाहरण, एक अपराध के लिए एक शुद्र को आठ वर्ष की सजा तो उसी अपराध के लिए ब्राह्मण को 64 वर्ष कि सजा। ये मनुस्मृति के एक श्लोक का अर्थ है।
@namdeosurose46326 жыл бұрын
+Vishal Chaubey agar 64 din ki saja brahmin ko di jati hai. to 64 salo ke barabar hoti hai. aisa manusmurti me kaha gaya hai.
@kumarmaheshraghav84806 жыл бұрын
तुलसी दास मनुस्मृती का पालन करने वाले वाले थे। उन्होने लिखा ; पूजिये विपृ गुणज्ञान शील हिणा । ना पूजीये शुद्र गुणज्ञान शील प्रवीणा।।
@AlokKumar-hk7os6 жыл бұрын
Bhai authentic Manusmriti khareed kar jaroor pdhe phir burai kare.
@English-JS6 жыл бұрын
Prashik Bahade क्यों ऐसा बोल रहा है तू ने मनुस्मृति पढ़ी नहीं कहा वह ब्राह्मणों को ऊंचा उठा रही है क्यों नहीं शूद्र ब्राह्मण बन सकता था इसी के लिए तो है मनुस्मृति की बात कर रहा हूं ढंग से तो पढ़ लो
@nandlaldas51986 жыл бұрын
तर्क देने के बजाय जात पात खत्म करने की बात क्यों नहीं करते हो आप लोगों को अब बेवकुफ बनाना बन्द करो
@RajanKumar-yr7fl6 жыл бұрын
धर्म की दलाली करना बंद करो पागलों जो तुम्हारे धर्म ग्रंथों में लिखा है उसकी सच्चाई तो साफ झलक रही है,अब मिर्च मसाला लगाने से क्या फायदा,जो धर्म ग्रंथों में लिखा है वहीं सत्य है और उस सत्य को हम कभी नही मानेंगे
@shubhamrai92052 жыл бұрын
जाके मुल्ला बन जा कौन है तेरे चक्कर मे
@manoz2581 Жыл бұрын
Allah ho akbar bol tu sale
@awasthiprabhu7570 Жыл бұрын
Jaao bhai dhrm privartn kralo. 🌝
@sportss360Degree Жыл бұрын
Mai tujhse kehtaa hun aaj jo balatkaar ho rhe hain uski vajah sirf ambedkar ka savidhaan hai toh tu bhi wahi kahega jo ye keh rhe hain or tere jaise maadrchod bohat ghumte firte hain unko rajasthan high Court nai faisla deke tere jaison ki chaddhi tak utaar di
@r.j.solanki30697 ай бұрын
जय जय जय जय हो मनुस्मृति !
@ashrafzaman59245 жыл бұрын
यदि पहले वाला मनुस्मृति मिलावटी था आप भी तो काट-छांट कर मिलावट ही कर रहे हैं। इसतरह पहले वाला मिलावटकार ग़लत और आप भी ग़लत हैं । हां ऐसा कहिए कि सामाजिक हालात से मजबूर होकर आपको मूल मनुस्मृति में संशोधन करना पर रहा है
@sureshchaware56514 жыл бұрын
मनुस्मृति में न्याय की बात थी तो किस नक़ानून के आधार पर वंचित तबकों के गलो में हांडी और कमर में झाड़ू बांधकर घूमना पड़ता था।क्यो उन्हें मंदिरो में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था।आज पढ़लिखकर जानने लगे है और वैज्ञानिक सोच आयी है तब से आप लोगो के सारे मंत्रो के अर्थ बदलने लगे है।मनुस्मृति में यदि न्याय था तो क्यो एक वर्ग हमेशा से सबसे ऊपर रहा है।उसे ही क्यो सारे सामाजिक धार्मिक राजनीतिक और आर्थिक आधार प्राप्त थे?क्यो एक वर्ग इन सबसे वंचित रखा?ये मनु बाबा का विधान था कि ब्रह्मण ब्रह्मा के मुख से क्षत्रिय भुजा से वैश्य उदार से और शूद्र पैरो से।पुरानी मनुस्मृति की पुरानी पांडुलिपि तो होगी आप लोगो के पास वो लोगो के समक्ष पेश करनी चाहिए।मनुस्मृति सच मे समानता और न्याय पर आधारित थी तो उसका धरातल पर सही और व्यवहारिक रूप राष्ट्र में क्यो नही विकसित हो पाया?शुद्रो को हमेशा क्यो हासिए पर रखा?उन्हें क्यों अधिकारों से वंचित रखा?
@Amita_Yadav1083 жыл бұрын
Qki अंग्रेजो की नीति थी फुट डालो और राज करो।।जिसको हम ओर आप लोग समझ नहीं पा रहे।
@lalchanbrakumar87396 жыл бұрын
jay bhim jay bhim
@rahulkumarofficial20013 жыл бұрын
वेद 𝓞𝓻 मनु स्मृति दुनिया की सबसे घटिया पुस्तक थी
@rahulshubh81033 жыл бұрын
Aur ye Ambedkar ka sanvidhan hijdo ka savidhan h
@RK_Investments282 жыл бұрын
ससुरे तुम कुछ नही पढ़े हो।
@prashantmuni Жыл бұрын
घटिया तेरे बाप दादे थे क्योंकि तेरी अकल भी ठिकाने में नहीं है
@Yamham886 жыл бұрын
एक कठपुतली राष्ट्रपति बना कर मनुस्मृति को महिमा मंडित कर रहे हो शर्म करो यह बताओ वर्तमान में कितने मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज , कितने विश्व विद्यालयो के कुलपति/उपकुलपति आरक्षित वर्ग से है?
@sandeephalder25626 жыл бұрын
uske liye talent chahiye... mehnat karni padti hai... reservation nahi. tum logo ki soch to nich he hi... ek baap ki aulad ho to bagair resevation ke talent paida karo. talent kisi jaat ka monopoly nahi hai... samjhe niche soch wale
@charvaak5 жыл бұрын
vastatav me aj sc bachche ararksha ke karan kam mehant karte h . vahi genenal vale arakshan na hone ke karan bahut mehant karte h.
@CHANAKYA91415 жыл бұрын
तु ही चल ja
@rajeshwareedeshpande49615 жыл бұрын
@@charvaak हाँ सही कहा आपने। हम बच्चो को यही सिखाते है के इतने ही सीट है ऐसा मान कर चले। आरक्षण के कारण कही द्वेष करने के झंझट मे अटक गये तो कुछ न पाओगे। तो बच्चे मेहनत करेंगेही। जिनको especially भिमटोको जातपात भेदभाव करना है, करे। उनके बच्चो को आरक्षण के कारण भेदभाव वाली सिख बचपन मे ही मिलती है। तो जातपात नष्टीकरण तो होनेसे रहा।
@1M.Marathistory6 жыл бұрын
ब्रह्माजी(Brahmaaji) कि डिलीवरी का video अगर है तो भेजो हम भी देखे कि उनकी डिलीवरी के दौरान मुख से ब्राह्मण, बाहु से क्षत्रिय, ओर छाती से कुछ वैश्य मगर यह बात सुनी सुनाई है कोई एक बाप की औलाद है तो ब्रह्मा जी कि डिलवरी को न किया और ब्रह्मा अगर पुरुष है तो पुरुष जात जन्म नहीदे सकती यह science hai झाटु लोगों
@kamartaj30105 жыл бұрын
Vilas Londhe sahi kaha😂😂😂😂
@bhanuthakur26795 жыл бұрын
Bhai teri galti nhi h ...suni hui baat ko mat bola karo ..hmare garandho k sath ched chad kiya gaya h ...
@Mhakaal-y2s4 жыл бұрын
मंदिर मे गैर ब्राम्हण क्यो नही चालता?
@RakeshSingh-fq5jt4 жыл бұрын
Mandir banwao aur pujari bano
@mansingchavan58885 жыл бұрын
विनय आर्य जी और उनके साथी ,दोनोने बहूत बहुमूल्य जाणकारी देणे का प्रयास उत्तम तरिकेसे किया. सत्य सनातन धर्म मे महर्षी मनु एक महान ऋषी थे.उन्होंने चार वर्ण ,समाज व्यवस्था मे आवश्यक हैं, यह विचार रखे थे.षडयंत्र रचणे वाले आधे ज्ञानी होते हैं.विनय जी जब मनुस्मृती के बारे मे जाणकारी दे रहे थे,तब ओ ब्राह्मण यांनी ज्ञानी का कार्य कर रहे थे.हम रस्ते पर चलते समय कोई कुत्ता या अन्य प्राणी हमला करता है,तो हम उसे भगाने के लिये हात उपर करके उसे डराने का प्रयास करते है.उस वक्त हम क्षत्रिय की भूमिका मे होते हैं. बजार मे कोई खरिद रहे हो ,तो हम किंमत कम जादा करते है, तब हम वैश्य की भूमिका मे होते हैं.स्नान करते समय हमारा शरिर हमेशा ही स्वच्छ करना पडता है.शरिर स्वच्छ करणे नोकर नहीं रखते.तब हम शूद्र की भूमिका में होते है.हर एक थोडा ब्राह्मण का काम करते है, क्षत्रिय भी होते है,वैश्य भी होते है, शूद्र भी होते है.लेकिन सत्य सनातन धर्म पर टिका करणे वाले को अन्य धर्मीय बहूमान देते है.कोई भी हिंदू सहनशील है मतलब बूजदील नहीं.
@user-smacr6 жыл бұрын
मान्यवर आपणे बडा मनुस्मृती का बखान किया हैं आप ने बताया हैं की गुणकर्म के आधार पर वर्ण बनाया हैं तो आप ये बताने का कष्ट करे क्या शिवाजी महाराज के कर्म शुद्र थे अगर नही तो उनके राज्यभिषेक का विरोध किसने किया ,क्या म.ज्योतिबा फुले गुण कर्म से शुद्र थे अगर नही तो ऊनका विरोध किसने किया,छ. शाहू महाराज क्या गुण कर्म से शूद्र थे अगर नही तो ऊनका अपमान किसने किया,डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर क्या गुण कर्म से शुद्र थे अगर नही तो बार बार उन्हे अपमानित किसने किया और क्यो किया बाबासाहेब तो हिंदू धर्म मे पैदा हुये थे धर्म परिवर्तन करणे मे मजबूर क्यो हो गये थे ।ढोल,गवार, पशु,शुद्र,नारी सभी ताडन के अधिकारी ये आपणे तुलसीदास का मनुस्मृती मे जोडकें गुमराह कर रहे हो बाबासाहेब आंबेडकर ने जब मनुस्मृती जलाई तब ऊनके साथ शहत्रबुद्धे भी थे ऊस वक्त बाबासाहेब का विरोध किसिने क्यो नही किया था और ये आप बार बार दलित दलित रटते रहते हो ये दलित क्या हैं वर्ण तो सिर्फ चार हैं फिर ये दलित कौन हैं आप लोग कहते हो की जन्म से सब शुद्र होते हैं और कर्म से द्विज धारण करते हैं तो क्या राष्ट्रपती कोविंदजी अब द्विज (जनेऊ,उपनयन संस्कार) धारण कर शकते हैं अगर सही मे आप सब को लगता हैं कर्म के आधार पर वर्ण बनाये हैं तो क्यो नही जातीया खतम करणे की पहल करते हो ,फिर वो कोई भी वर्ण का रहे जीसके गुणकर्म अच्छे हैं वो ब्राम्हण कहलायेगा मंदिरी मे भी पुजारी बनने का भी अधिकार पायेगालेकीन यहा तो गुणकर्म के आधार पर हजारो जातीया बनाई हैं आप जीनको दोष दे रहे हो क्या ऊन (शुद्र)लोगो ने जातीया बनाई अगर हा तो गुणकर्म के आधार पर वर्णव्यवस्था का सिद्धांत ही गलत हैं..जय शिवराय.. जय भीम..जय भारत
@ramparkash31036 жыл бұрын
Bilkul sahi
@radhebudhhasarnamgchhamish81596 жыл бұрын
Good
@aryankarki79006 жыл бұрын
जाती तोडो समाज जोडो you saying is great.
@ramraj20335 жыл бұрын
मनुस्मृति ही अन्याय की जड़ है
@kamartaj30105 жыл бұрын
जाती तोडो समाज जोडो iska jawab in brahman hindu apologist k paas nahi
@arjunprasad23996 жыл бұрын
आज भी जातिवाद क्यों है ये क्यों नहीं बताते ग्रामीण क्षेत्रो में और विज्ञापन से क्यों नहीं बताते ।
@honeysharma39214 жыл бұрын
आरक्षण 10 साल के लिए था पर उसे हर साल क्यों बढ़ाते आये,कसाब को भी जमानत मिल जाती है पर sc/st act में बिना दोष रोपण के ही काले कानून की तरह जेल में क्यों डाल दियाजाता है
@FirstnameLastname-cl4op4 жыл бұрын
This is because government wants development of all societies and ensure that every society will be equal. Tabhi caste discrimination khatam ho sakta hai
@govindraut66376 жыл бұрын
अरे भाई वर्ण व्यवस्था से जाती व्यवस्था का निर्माण होगया है ईसकेलिये मनुस्मृती ही जिमेदारहै
@rishikeshkumar71033 жыл бұрын
Accha beta agar tujhe goli khane ko kaha jatega toh tu fasi par latak jayega
@brijeshkumar12376 жыл бұрын
भाई भृमित मत करो मैंने ये किताब पढ़ी है ये बहुत ही अपित्तजनक किताब है।
@SatishSatish-eb6bh4 жыл бұрын
आज भी अगर दलित पड़ा लिखा संस्कारी हो तो भी भेदभाव होता है और उसे सुद्र कहते है ये सच है ।
@letscode53674 жыл бұрын
Sudhra hona galat baat nhi
@fmc63454 жыл бұрын
महेन्द्र पाल आर्य का विडियो ईमाम थे पंडित केसे बने पहले जानो
@krishnashekhar91853 жыл бұрын
क्यों पागल बना रहे हो ।शूद्रों के साथ पहले भी भेदभाव हुआ है। और आज भी हो रहा है । इसका दोस सिर्फ ब्राह्मण समाज का है ।
@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण Жыл бұрын
:-बहुजन जागो, हिन्दू धर्म त्यागो, बौद्ध धर्म अपनाओ, बाबा साहेब का वचन निभाओ, BJP भगाओ, EVM हटाओ,भारत देश बचाओ, जय हिंद,जय भारत।।। 🌹🌹🌹
@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण Жыл бұрын
:-बहुजन जागो, हिन्दू धर्म त्यागो, बौद्ध धर्म अपनाओ, बाबा साहेब का वचन निभाओ, BJP भगाओ, EVM हटाओ,भारत देश बचाओ, जय हिंद,जय भारत।।। 🌹🌹🌹
@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण Жыл бұрын
:-बहुजन जागो, हिन्दू धर्म त्यागो, बौद्ध धर्म अपनाओ, बाबा साहेब का वचन निभाओ, BJP भगाओ, EVM हटाओ,भारत देश बचाओ, जय हिंद,जय भारत।।। 🌹🌹🌹
@narayanmeshram9909 Жыл бұрын
आर्य समाज वाले ढोंगी, अंध भक्त जातीभेद करने मनुस्मृती लांना चाहते तीन हजार सालोसे बहुजन समाज को पिछडा बनाकर पाणी पिनेका हक नही था शीक्षा का हकनही था माण सन्मान नहीं था धन संपत्ती रखनेका अधिकार नहीं था शीक्षा का अधिकार नहीं था ओ पागल, ढोंगी मनुने देशको बहुजन समाज को अज्ञानी बनाया वेद पुराण सब झुठ है ए लोग दलित पिछडा शुद्र बहुजन को ए ब्राम्हण पंडीतोने हाल हाल किया नारी जाती की बहुत ही अवहेलना की जिते जी अग्नी मे मरवाए वेशा बनवाए क्या नहीं किया मनुने अ ज्ञानी बनाया जातीभेद बंनाया ईसीलीए मनु और मनुवाद ईश देश से हटा दो आज भी बहुजनोको राजस्थान मे पाणी पिने पर जानसे मारे ए मनुवादी विचारवाले जातीभेद मानने वाले देशद्रोही कायर गुंड है भिमराव जी को मनुवादी विचारवाले ने कितना त्रास दिए ओ याद हमेआजभि. है और मालुम है जरा सोचो कैसी इंटरव्ह्यू देते हो जातीभेद छुआछुत बंद करो रोटी बेटी व्यवहार करो समानता लावो बुद्ध विचार अपना ओ झुटे देवी देवता हटाओ मंदीर सब के लीए खुले करो मंदरोमे ब्राम्हण पंडे पुरोहित होना ही नहीं सब संविधान का आदर करो संवीधान से चलो तंटे झगळे बंद करे जयभीम जय भारत जय संविधान जयजयकार भीमराव रामजी आंबेडकर जीका
@bhagwansaini9606 Жыл бұрын
@@पत्रकारपोपटलाल-फ9ण तु मुसलमान द्वारा पैदा किया हुआ है
@BinodKumar-ib1co5 жыл бұрын
लोगो का शोषण करने के लिए मनुस्मृति बनाया गया था। सभी लोगो का उत्थान करने के लिए बाबा साहब का संविधान है जो ब्राहम्णो को हजम नही हो रहा है अब।
@JAY-bharat-16 жыл бұрын
तु बाता कि किसी को अगर समझाये तो उसे समाझ मे न आये ऐसा हुआ है शूद्रों को पढने के अधिकर से किसने और किस संविधान के आधार पर वंचित किया कौन बतायेगा
@viratagnihotri951 Жыл бұрын
जय हो
@prashikbahade9416 жыл бұрын
आज संविधान की जरूरत है किसी मनुस्मृती की नहि।
@rahulraman22822 ай бұрын
पहली तुम मनुस्मृति पढ़ा लिखा तो है नहीं
@mukulkumar94712 жыл бұрын
bilkul jaruri hai sir...video banaiye
@prasunrawat76246 жыл бұрын
faltuu ka gyan h... ye manusmirtre....
@ramnayan95124 жыл бұрын
आजादी के समय दूसरा संबिधान बनवाना ही नहीं चाहिए था मनु स्मृति संबिधान से ही आजादी ले लेना था।लाना है तो लाओ पावर आप लोगों की है।अगर ये सही था तो डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बिचार संबिधान लागू ही नहीं करना था।
@RakeshSingh-fq5jt4 жыл бұрын
Baba shaheb ke bichar , vanek desho ki sambidhan se copy kr liya aur kya
@assharma74182 жыл бұрын
वह लोग खुल कर मनुस्मृति को गलत कहते हैं, परंतु हम उनकी बातों में आकर महाराज मनु से दूर होते जा रहा है... यह दुर्गति लाएगा हम सब मनुस्मृति तथा महराज मनु को अपने हृदय में रखे और अपना कर्म करते रहें।। ॐ
@Sameer.8672 жыл бұрын
हिन्दू धर्म के ग्रंथ " मनु स्मृति " को 1927 में एक बड़े कार्यक्रम में सरेआम जलाया गया ----- हिन्दू धर्म बहुत कट्टर है ।
@assharma74182 жыл бұрын
@@Sameer.867 aapne kabhi padhi hai?
@Sameer.8672 жыл бұрын
@@assharma7418 जी, कौन सी वाली 1875 से पहलेवाली या उसके बाद वाली ? 🙋♂️हिन्दू धर्म के ग्रंथ " मनु स्मृति " को 1927 में एक बड़े कार्यक्रम में सरेआम जलाया गया था । RSS और हिन्दू महासभा दोनों मिलकर नहीं रोका ?? ♨️हिन्दू धर्म बहुत कट्टर धर्म है ♨️
@assharma74182 жыл бұрын
@@Sameer.867 aapne kaunsi padhi hai??
@Sameer.8672 жыл бұрын
@@assharma7418 जी, 1927 में जिस ग्रंथ को सरेआम जलाया गया है और उसका कोई बचाव करने की हिम्मत भी नहीं किया तो तभी वह ग्रंथ खण्डित हो चुका है ~ खण्डित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है और खण्डित ग्रंथ को भी पढ़ने की जरूरत नहीं है ।
@devendrakumar-mb7ir4 жыл бұрын
Sadar pranam
@snehalataartseducation91634 жыл бұрын
manhush smruti hatao sambidhan bachao
@user-pl7el1fp6k4 жыл бұрын
Kya Hatayga. Teri Aukat nahi. Aur Sanvidhan hame Babasaheb ka chahiye Congress ka nahi. Babasaheb hote toh Kashmiri Pandito ke saath Vaise na hota. Wo Jald se Jald CAA aur UCC Lagu kardete. Wish he Was Prime Minister instead of Rangeela Nehru. Coming from an Awaken Dalit but Vaishya by Varna.
@VikramSingh-mj6oh5 жыл бұрын
वेद ही ऐसा ग्रहन्त हे जिस में कोई मिलावट नही कर पाए जिस ने भी मनु की लिखी किताब में मिलावट की वो मनुषय मर चुका है इस लिए जोभी मिलावट हे उसे हटा देना चाहिये सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
@khedeji74376 жыл бұрын
Jai bhim
@ashokkumarsaini75315 жыл бұрын
सर गुमराह न करें आज समाज मे क्या हो रहा आप जानते है
@pradipchandgude94916 жыл бұрын
मनुस्मृती को jalanahi चाहीये
@karhaleparivarsansmaran13656 жыл бұрын
लगभग पाच हजार साल पहले युरेशियन आर्य भारत में आए और मनुस्मृती लिखी गई . उससे पहले भारत इतना समृद्ध था कि भारत को सोने की चिडिया कहा जाता था . उस समय वंश परंपरां थी .जैसे के बळीवंश. बळी के राज्यों में पुरा भारत काफी समृद्ध tha . aryone baliko kapat karake mara . badme manusmrutiki niti chalayi gayi . usake bad bharat ki samruddhi dhire dhire kam hoti gayi our aaj ke bure din aa gaye. manusmrutike lagu honese bharat soneki chidiya nahi raha. halat bigad gaye to manusmrutiko sahi ya achchha kaise kaha sakte hai?? ulta uske bunahi bharat samruddha tha . isliye manusmruti bahuthi ghatiya kitab hai jispe duniya hasti hai . ishvarne bataye huye ved par agar manusmruti bani hai to vo ved isvarne kisko bataye the ? kya manu ke kan me ? isvar agar ved bata sakta hai to likh bhi sakta ta usne kisi manusyaka sahara kyun liya ? ved duniyame kisi desh ne dekhe ya padhe hai ? nahi na ! to kaise mane jo vedome hai vo manusmruti me hai ? ved agar hindu dharma ke dharm granth hai to sabhi hindu logonko unkehi dharmagranth kyon nahi padhane dete ye bramhan ? padhana to chodo dekhanebhi nahi dete. kyonki kisine ved padhe to sabko pata chalega ki vedome kitani barbarta hai, amanaviyata hai, tyachar v asamanata etc. hai. EVM HATAO , VVPTA LAO ,DESH BACHAO. JAY MOOLNIVASI.JAY BHARAT.
@pammigupta38215 жыл бұрын
Bore din muglo portgaliyo or angrejo k any s aye Ab ap kya chahtey HAI ki brahmin ko FANSI PR ltka diya jaye ved Ram krishan s bohot pehle a GAE thy
@pammigupta38215 жыл бұрын
Or balet box ka time b hamny dekha HAI onhy BADAL diya jata tha badle hue bellet box nale m milty thy or bohot badi sankhya mai
@pammigupta38215 жыл бұрын
Or manusmriti aj s 5000 sal pehly likhi gai thi OS wqt humy nahi pata ki kya paristhiti thi ki esa SAMVIDHAN likha gaya mgr aj hum sab ise smjh kr khud ko BADAL rahy HAI mgr baki dharamo ka kya Jo kabi nahi badlny wale
@bijoybyaghra62035 жыл бұрын
जबकि मनुष्य में कोई भेद नहीं सभी एक जैसे हैं, फिर यें सारे विवाद क्यों ? और जब बाल्मीकि और व्यास मुनि भी तो ब्राह्मण की तरंह पुजे जाते है फिर यें लड़ाई क्यों । जबकि मनुस्मृति में कहा गया है कि मनुष्य ज्ञान से उच्च वर्ग के होते है, तो इस पथ पर तो ज्यादा शांति है ।
@tassvlsi6 жыл бұрын
Aag Laga do isse
@mahadevtarate14925 жыл бұрын
हम क्षत्रिय बली महाराज का आदर्श रखेंगे.यज्ञ संस्कृती हम नही मानेंगे. सिंधु संस्कृती झिंदाबाद.
@mandeepchaudari11196 жыл бұрын
manu ki kitab jahrila janver jasisa hai
@dushyantsingh66533 жыл бұрын
Manuismarthi mera adhras hain jai ho mershi manu ki hamara prachin savidan manu ji
@VirendraKumar-cz4zc6 жыл бұрын
Sir बकवास की भी हद हे करोडो वर्ष पहले मानव का जन्म ही नही हे ओर डर का नाम भगवान हे ओर भगवन नाम की कोई चिज नही हे इस प्रकार कोई किताब भगवन ने ना लिखी।अब मनुवादी लोग नई मनूस्मर्ति ला रहे ओर उसे सही बता रहे हे।लगभग सभी धर्माचार्य बकायदा शूद्रो को कहते हे कि ये पढ लिख नही सकते इन्हे हक ही नही इनका काम उपर के वर्ण की सेवा करना हे।अब मनुवादी कितनी भी कोशिश कर ले बहुजन झासे मे आने वाले नही।जो धर्म उंच-नीच पर अधारित हे वो धर्म नही उसे छोड देना चाहिए।आपकी बहस तार्किक नही हे ।समाज मनु के आधार पर बटा हे सनातन धर्म के अनुसार मानव मानव नही हे ।आप बेठ कर कोरी बकवास कर रहे हे।ऐसा क्या कारण हे की सविंधान से पहले भेदभाव चर्म पर था क्यों हे इसका कोई जवाब।जय भीम नमो बुधाय
@VikcySoni-u9z3 ай бұрын
Jivan Mein Satya Aur asatya Ko janne Ke Liye rashtrapita Mein mahrshi Dayanand Saraswati Dayanand Saraswati Ji Maharaj dwara Amar Granth satyarth Prakash ko
@anilrajak5776 жыл бұрын
Brahman hi sare kitabo ko likhe apne anusar jisme brahmano ko dev or mulniwasiyo ko sc st obc ko rakchhas banaye
@kamartaj30105 жыл бұрын
Anil RAJAK yeh arya samaj naya hindu jihadi shanghtan hai. Jo jabardasti sabko convert kara raha h. Islam or isme kuch farq nahi h. Yeh ek din bolenge ki caste based atrocitu bhi scientific hai use support karna chahiye. Ram ne shambuk ko mara. Sab sawarno ko shudro ko marna chahiye
@karhaleparivarsansmaran13656 жыл бұрын
o dharma hi kis kam ka jisme hamehi hamarehi dharm granth padhsne sunane yaa dekhanabhi mana hai our aisa kiyabhi to dandit kiya jata ho. namo buddhay.
@akhileshrana87096 жыл бұрын
Ab aap videsho me bhi Manushrimit ko lagu karavo .
@rajeevdiwakar28635 жыл бұрын
समाज मे मनुवादी से शूद्र तथा दलित गृणा करते हैं। मनुवाद के कारण ही एकलव्य को पढने नही दिया।
@neelamkumar65463 жыл бұрын
Vedas are written by man when nagri lipi came into process
@relaxingmood28923 жыл бұрын
Jay savidhan
@thestatuscreation8154 жыл бұрын
तुमने मनुस्मृति के बारे में गलत जानकारी दीया है या तुमने गलत जानकारी प्राप्त किया है चाहे जो हो जाये मनुस्मृति लागु नहीं होने देगे ईसकेलीए जीतना भी खुन बहे कोई प्रवाह नहीं जय भीम जय संविधान ही रहे गा
@fmc63454 жыл бұрын
जानना नही मानना नही खुन सबका बहेगा हानी सबको होगी फायदा सिर्फ मजहब वालो का धर्म एक जाती है तुम एक बार जरूर सोचना रिश्ता बराबर वालो मै ही होता है आगे बढने की जरूरत है पीछे देखने की नही
@ravi-gx2qc2qz4r4 жыл бұрын
तुम सरिया का विरोध करो भाई यह मनुस्मृति को विरोध करने का काम तो हिन्दुओं का है।
@bholaprasad11736 жыл бұрын
बकवास लगता है कोई बतायेगा कि जाति क्यो बनी और गुरूकुल में सबको पढने का अधिकार क्यो नहीं या। उच नीच कहाँ से आ गया। और जातिबादी कोढ क्यो फैलता चला गया है ये सब मनुस्मीर्ती की ही देन हैं।
@selfadopt21902 жыл бұрын
Hindu society is full supporter of Manu smriiti except the dalit community.
@mahadevtarate14925 жыл бұрын
क्षत्रियरत्न बलीदेव , तथागत सिध्दार्थ,वर्धमान महावीर की जय .
@anilrajak5776 жыл бұрын
Sudro ko bhi sanskar karke brahman Kyo nahi bana dete baba saheb doctor bhimrao ambedkar bharat me sabse padhe likhe the to unko bhi sanskar karke brahman bana dete
@sukhpalgrewal43886 жыл бұрын
Mr Brahman ur teaching is two god one for Bharat & other for west others
@akanshashrivastava22475 жыл бұрын
रोटी बेटी का व्यहार कैसे बंद हुआ
@Mhakaal-y2s4 жыл бұрын
आय॔ युरोशिया से आये,यहा के लोगों मे बस गये, आज कोई भी शुद आय॔ ,ब्राम्हण देश मे नही है. सब मिलावटी है.
@RakeshSingh-fq5jt4 жыл бұрын
Tum log Africa se aaye wahi jao
@darshanyog4 жыл бұрын
राजस्थान High-Court परिसर में स्थापित महर्षि मनु की प्रतिमा [ मनुस्मृति के रचयिता ] ------------------------------------------- मनु के अवांछित विरोध के फलस्वरूप 28th Aug 1989 को राजस्थान उच्च- न्यायालय के जयपुर परिसर में स्थापित महर्षि मनु की प्रतिमा को हटाने का प्रस्ताव राजस्थान उच्च- न्यायालय की पूर्व पीठ द्वारा सर्वसम्मति से पारीत हो गया। जब यह बात चर्चा में आई तब डॉ सुरेंद्र कुमार जी की प्रेरणा से मैंने एक समादेश याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के समक्ष प्रस्तुत करके उस आदेश को रद्द करने की प्रार्थना की। उस समादेश याचिका के समर्थन में 14 बातें (तर्क के रूप में ) न्यायालय के समक्ष रखी गई थीं। या यूं कहिये की पूरी समादेश याचिका को 14 बातोँ पर आधारित करके प्रार्थना की गई थी कि--- " महर्षि मनु की स्थापित प्रतिमा को निर्धारित स्थान से अन्यत्र न हटाया जाए ।" वे आधारभूत बातें निम्नलिखित हैं-- 1. सर्वप्रथम और सर्वोपरि धर्मशात्र के प्रेरणा महर्षि मनु। 2. धार्मिक गुरु और धर्मप्रवक्ता 3. आर्यसमाज का विशिष्ट धर्मग्रथ मनुस्मृति है। 4. प्रथम विधि-प्रेरणा 5. आधुनिक विद्वानों की दृष्टि में मनु और मनुस्मृति सर्वाधिक प्रामाणिक 6.सर्वोच्च न्यायालय में मनु की प्रतीक प्रतिमा 7.मनु की विदेशों में मान्यता 8.मनु मानवसृष्टि के आदि जनक 9.मनु की वर्णव्यवस्था का वास्तविक स्वरूप 10. मनु के मत में शुद्र अस्पृश्य नही 11.मनु की दंड व्यवस्था शूद्रविरोधी नही 12.वर्ण परिवर्तन के ऐतिहासिक उदाहरण और प्रमाण 13. आधुनिक काल मे मनु व्यवस्था के अनुसार वर्ण परिवर्तन 14.मनुस्मृति में प्रक्षेप और प्रक्षेपों पर शोधकार्य अपनी बात को रखने के लिए न्यायालय के मुझ याचिका कर्ता को भी बुलाया गया। समय कम दिया था अतः मैन मनु की मूर्ति का प्रतिवाद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महोदय से पूछा -- " मैंने अपनी याचिका में 14 बातों को आधार बनाया है। यदि आप इन 14 बातों में जिन किसी भी तीन बातों को सबसे कमजोर समझते हैं, उन्हें आप बता दें, यही तीन बातें मेरा आधार होंगी।मैं उन्ही पर बोलूँगा।शेष बातें फिलहाल समयाभाव के कारण छोड़ देते हैं। " बात तो बड़ी अटपटी सी लगी कि कोई व्यक्ति प्रतिपक्षी अधिवक्ता से ही पूछे कि मेरे पक्ष की (14 में से)सबसे कमजोर कोई भी तीन बातें बता दे,वही मेरा आधार होंगी।लेकिन प्रतिवादी वरिष्ठ अधिवक्ता न बता सके। उनका उत्तर न आते देखकर मामले की सुनवाई कर रही पूर्णपीठ ने आदेश दिया कि मैं अपने समर्थन में कही गयी सभी 14 आधारभूत बातों का खुलासा करके न्यायालय के समक्ष रखूं। मैंने वही किया। लगभग पूरे 3 दिन का समय लगा।पूर्ण पीठ ने सभी बातें बड़ी ध्यान से सुनीं। उत्तर देने के लिए जब प्रतिवादी वरिष्ठ अधिवक्ता का क्रम आया तो वे अपना पक्ष न रखकर बगले झाँकने लगे। न्यायालय की कार्यवाही का रिकॉर्ड बताता है-- "लगभग 20 min तक इंतज़ार करने के बाद भी मनु का प्रतिवाद कर रहे पक्ष की ओर से जवाब देने का साहस अधिवक्ता नही जुटा पाए। ।" अंत में न्यायालय ने एक अंतिम आदेश पारित करके मनु की मूर्ति को न्यायालय परिसर से अन्यत्र स्थानांतरित करने संबंधित 28th Aug 1989 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी । नतीजन आज भी महर्षि मनु की प्रतिमा वही पर है। ---धर्मपाल आर्य (मंत्री, मनु प्रतिष्ठा संघर्ष समिति एवं मंत्री , आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट) प्रस्तुति -अनिल आर्य
@मानवनिर्माणसेना4 жыл бұрын
मुझे इस नम्बर पर यह पोस्ट भेजे 9784729718
@bechoochauhan14106 жыл бұрын
Baba sahab good
@awasthiprabhu7570 Жыл бұрын
Jai Manu.. ❤️ Mulle dislike mar sakte hain.
@satishjaybhimdalitadivasij21036 жыл бұрын
Apna gyaan apne pass hi rako
@shashineeta79606 жыл бұрын
भटूगडे बंद करो ये बकवास .
@सत्य_ज्ञान_मार्गदर्शन5 жыл бұрын
जो भगवान को निराकार मानते हैं और वेंदो में भगवान साकर लिखा है जो वेद को नहीं समझ सके उनसे मनुस्मृति को क्या समझेंगे
@ksl1285 жыл бұрын
जय भारतीय संविधान जय मुलनिवासी SC ST OBC जर
@vaibhavkulkarni41695 жыл бұрын
Very good explanation.. much appreciated
@Amita_Yadav1083 жыл бұрын
मनु स्मृति में मिलावट की गई अंग्रेजी द्वारा,,जिसका सबसे पहले पता दयानंद सरस्वती जी ने लगाया। अंग्रेजो का लक्ष्य था,,फुट डालो ओर राज करो।। मनु महाराज द्वारा रचित मनु स्मृति सबके लिए भलाई योग्य थी,,,जिसका गलत अर्थ निकाला ,,जिसका उद्देश्य,, ब्राह्मणों ओर शूद्रों को बड़ा छोटा बताकर सिर्फ लड़ाना था।।
@dazad0523 жыл бұрын
बिल्कुलसही
@mahidmohanti35993 жыл бұрын
Land ka dayanand sasvati khoj lagaya
@dushyantsingh66533 жыл бұрын
👍
@dushyantsingh66533 жыл бұрын
@@mahidmohanti3599 haram ke jane sale dhed chup bet
@manojdrevtid81603 жыл бұрын
O dyanand saraswati jo gyan deta hai.guda se sanp ko utha lena.😂😂😂😂
@shivratanthalur38606 жыл бұрын
हमारे सनातन संष्ठापक महर्षि मनु को कोटि कोटि प्रणाम यह सनातन को मानने वाले कभी आपके ऋण से कभी उऋण नही होंगे जिनको आस्था नही है फालतू कमेंट न कर इसको छोड़कर जो अच्छा लगे वो अपना ले आपके जाने या रहने से कोई फर्क कतई नही पड़ने वाला क्योंकि कायर न देश धर्म के काम के है न समाज के आज जो संविधान को खुले रूप से चेलेंज करते है तो उनके बारे में कुछ भी बोलने की हिम्मत नही होती इसलिए यदि आपको पसंद नही है तो कोई साथ रहने को बाध्य नही कर रहा है जहां सम्मान मिले वहां चुप चाप चले जाएं फालतू बकवाश ण् ही करें
@rk1977in4 жыл бұрын
मनुस्मृति कहत हैं: जनम से सब शूद्र हैं और कर्म से ब्राह्मण (जो विद्वान, शिक्षक), छत्रिय (समाज के रक्षक), वैश्य (व्यापारी), शूद्र (सेवा वर्ग) को मानते हैं। यह अर्थ समय-समय पर बदलता रहा है और जो ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए हैं they start considering they are brahmins , even they dont study at some later stage (baad me). जिन्हें एक अलग तरीके से लिया गया है और बाद के चरण में अर्थ को पूरी तरह से बदल दिया गया है। इस पुस्तक को कुछ नियमों में लोगों को अच्छी तरह से चलाने के लिए प्रबंधित किया गया था, लेकिन निश्चित रूप से इसने अलग-अलग आकार लिए हैं और इसे ऊपरी परत द्वारा समय-समय पर संशोधित किया गया है और इसने अजीब आकार ले लिया है .. जो निचली परत के लिए अभिशाप बन गया है। आप एक व्यक्ति से कुछ कहते हैं, वह व्यक्ति अगले व्यक्ति के लिए कुछ और कहता है और अगले 100 व्यक्ति के लिए आगे बढ़ता है और जब वह आपके पास वापस आता है, तो अर्थ पूरी तरह से बदल जाता है। यही बात मनुस्मृति की भी हुई ।। महाभारत में जय महा काव्य में 24,000 श्लोक थे और अब महाभारत में 1 लाख से अधिक श्लोक हैं। रामायण में उत्तरकांड अतिरिक्त है जो बाल्मीकि रामायण में नहीं था। हाँ सच। उस समय मीडिया मजबूत नहीं था। कोई भी प्रकाशन से पहले पढ़ने की क्षमता और प्रमाण की जाँच नहीं कर रहा था। भारत में कई विदेशियों द्वारा और वर्षों के दौरान कई और परिवर्तनों द्वारा घुसपैठ की गई है .. हिंदू राजा मुगल से लेकर अंगरेज और फिर अब स्वतंत्र भारत .. अब हम खुले हैं और डिजिटल मीडिया में अपने विचार रख सकते हैं और अपने विचार रख सकते हैं .. सोशल मीडिया मजबूत है और सभी Google और आप ट्यूब पर available information’s ... भीम राव अम्बेडकर ने मनुस्मृति को जलाया, ठीक है, लेकिन जलने से पहले उन्हें दोषों को खोजना और उजागर करना चाहिए और मनुस्मृति की मौलिकता की जांच करनी चाहिए। यदि हमने गलतियाँ की हैं तो केवल हम इसे संशोधित कर सकते हैं। जरा सोचिए अगर आपके ग्रैंड फादर ने परिवार में कुछ गलतियां की हैं, तो आप सुधारने की कोशिश करेंगे। इसलिए हममें से केवल भारत के लोगों के सामने मूल मनुस्मृति को संशोधित करने और उसे लाने के बारे में सोचना चाहिए। ब्यूरिंग ने इस बात पर मुहर लगाई है कि शूद्र जन्म से और काम से शूद्र होते हैं, अब वे शिकार हो गए हैं और बुद्धत्व या इस्लाम या ईसाई को अपनाने का उपाय खोजने की कोशिश कर रहे हैं। वहां कुछ नेता और लोग जो सभी संशोधित किताबों के आधार पर मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं .. यह योजना बनाई गई है और हिंदू धर्म को नष्ट करने की साजिश रची गई है। मूल मनु स्मृति को सामाजिक व्यवस्था का समर्थन करने और योजना के साथ सामाजिकता को चलाने के लिए लिखा गया है। राजा जन्म या परिवार के आधार पर सभी दिव्यांगों के लिए मुफ्त शिक्षा की मांग कर रहे थे। बाद के चरणों में, कुछ मूर्खतापूर्ण दिमाग द्वारा प्रूपोज के लिए बहुत सारे संशोधन किए गए हैं फिर मोटिव और दिशा को पूरी तरह से chnaged किया गया है। अतीत में इसकी कभी समीक्षा नहीं की गई है, हालांकि, कुछ विद्वानों की समीक्षा की गई है और सभी अवांछित और बाद में संशोधित संस्करणों को हटा दिया गया है और मौलिकता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है .. अब कुछ सार्वजनिक आंकड़े भी पीड़ित कार्ड खेलना और समर्थन करना नहीं चाहते हैं। मेरा विश्वास करो तुम अपनी जड़ ढीली करोगे और जड़ के बिना तुम कुछ भी नहीं हो .. इसलिए अगर कुछ गलत हुआ तो लड़ाई करो, आवाज उठाओ और इसे संशोधित करो और फिर सारे अधिकार ले लो .. इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बहुत सारी चीजें ईश्वर की नहीं हैं जिन्हें सती प्रथा की तरह संशोधित किया गया है .. बालों को हटाना, महिलाओं की स्वतंत्रता .. भारत की शान्ति ने कभी भी ऐसी चीजों को प्रचारित नहीं किया है .. इसलिए हम 21 वीं शताब्दी में हैं और आपको अपनी जड़ों से विचलित नहीं होना चाहिए और इसे बेहतर बनायें अगर कुछ मुद्दे हैं .. हम सब एक हैं और गरव से कहो हम हिन्दू हैं। हिंदू एक विचार है और सनातन धर्म वास्तविक धर्म है।
@vijaydawri6465 жыл бұрын
जो मनुस्मृती मे विश्वास रखते है या समर्थन करते है वो भारत के संविधान को मानते नही. जो धर्म एक आदमी जन्मतः उच्च और दुसरा नीच है वो धर्म उच्च कोटीका कैसे होता है .? मैने ओरिजीनल मनुस्मृती पढी है उसपर चिंतन किया है.
@iswarchand41726 жыл бұрын
देश संममबिधाान से चले गा मनुस्मृति से नहीं चलेगा जो
@restech67872 жыл бұрын
Agar aap logon ke dwara diye gye waktavya purntaya satya hain toh mai abhi se Arya Samaj ka anupalan krna suru kr doonga.
@bhimrock51125 жыл бұрын
साँप का जहर हरमेशा जहरीला होता हैं, मनुस्मृति ठीक उसी तरह हैं, अब बंद करो ये पाखंड.
@SuperBrigesh5 жыл бұрын
Bhai jab pura gyaan nai hai to fir kyu comment karte ho.
@narayanvasudev77725 жыл бұрын
@@SuperBrigesh तो ज्ञान बतओ
@VedicSanatanDharma4534 жыл бұрын
Bhim army jis tarah mar kaat kar raha h....bhut hi chintiniya h
@vijaydawri6465 жыл бұрын
Interpolation किसने किया इसपर मेरे साथ चर्चा किजीए .