सीरफ अपने बाबा के समज परकास में चलने वाले के लीए- कम से कम 2 घंटे या इससे अधीक मूरली पतर पढ़ीए व लीखीए ओर यह देखीए के इसमें अपने बाबा के अपने इस बचचे के सथीती इस % में ह--- यदी 2 घंटे से 8 घंटे तक मूरली पतर पढ़ने के सथीती बन गइ तब नीराकार आतमाभाइभाइ लेखराज के जेसे- मूह मीठा भी होना सूरू हो जाता ह - मूह मीठा सूरू होने के बाद- न समय अधीक रहता ह - व न समय कम होता ह - यह सथीती आतमाभीमानी के सथीती ह - रूहानीरस व मूह मीठा होने से पहले तक--- अपने बाबा के असल याद के सथीती नहीं--- सीरफ योग लगाने वाले योगी के सथीती ह - लेकीन योगी होते हं -