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रूपाळी पेमल - कवि दामोदर दाधीच । श्रृंगार रस ।
यह कविता प्रेम की है जो अपने प्यार को कविता में व्यक्त करें जहां पर एक नवयुवन एक नवयुवती को अपने मन की बात कविता के माध्यम से बताना चाहता है ।
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