मै १९७१ में तब पांच साल का था। जीएमओयू व केएमओ की बस karanparyag से रामनगर चलती थीं, जो कि आज भी चल रहीं हैं उस मैं मैंने पहली बार अपने गांव के स्टेशन ताल चट्टी से रामनगर से रोहतक हरियाणा का सफर किया था । लास्ट टाइम मैने १९८२ मै इस रूट से घर गया था । अब हम लोग ऋषीकेश से करण प्रयाग के रास्ते घर जाते है पहले समय का सफर बहुत लम्बा और बोरिंग, कठिन होता था ।जो परिवहन की जानकारी आप ने दी हैं बहुत अच्छे ढग से दी हैं उस के लिए धन्यवाद
@rajukumar48 Жыл бұрын
पुराने दिन याद दिला दिया । बारामासा की पूरी टीम का आभार😊😊😊
@yeshpalparmar8 ай бұрын
बहुत सुंदर बहन 👌👌👍🙏🙏🙏 जै भारत जै उत्तराखंड जै devbhoomi
@dhanpatram5431 Жыл бұрын
Bahut achha laga beti,16 minutes se bhi kam samya me jo aapne apni Madhur awaaz me jo Hamare uttrakhand ki moter marg aur yaatayaat ki purani jaankari dee, sunder Lekhan k liye bhi dhanyawad.Jai Bharat,Jai Dev Bhoomi uttrakhand..
@tejeshrawat90806 ай бұрын
बारहमासा ग्रुप को बहुत बहुत बहुत बहुत धन्यवाद .आप सचमुच में धन्यवाद के अधिकारी हैं ,यह कोई सामान्य कमेंट नहीं है यह एक उत्तराखंडी की दिल की आवाज है ,आप हमें उन्हें पुरानी दिनों में और बचपन की भीगी -भीगी , खट्टी -मीठी यादें दिल देती हो,
@RavinderSingh-yj2ln Жыл бұрын
Very true 😂 वो दिन याद आ गए कोटद्वार के. जंगल की खुशबु भी कोटद्वार enter करते ही. और चौर बस भी खास थी. Thanks to all team members for bringing those memories back.
@girishjoshi7056 Жыл бұрын
रोचक जानकारी । कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन की बस जो चलती थी प्रारंभिक दौर में उसमें अपर और लोअर क्लास होता था । अलमोड़ा से हल्द्वानी / नैनीताल जाते आते समय गरम् पानी मुख्य पढ़ाव होता था , जो आज वीरान सा हो गया है , हो जहां लोग रायता आलू और पकौड़े का आनंद लेते थे
@KripalSingh-t5y9 ай бұрын
आजकल भी खाते है
@jaswantsinghbisht9369 Жыл бұрын
मनमीत जी आपका कार्य हम जैसे उम्रदराज लोगों को भी आप युवाशक्ति के समक्ष नतमस्तक होने को प्रेरित करता है। हजारोंबार सलाम आपको।
@Negi.kailash06 Жыл бұрын
Aapne rula dia sari yade taja kr de aaj bhi jab hmare me evng me daily 6 bje himgiri pahuchti to Sab kahate 6 bje wali bus aa gye .. tq baramasa grt job
@thewiseman8796 Жыл бұрын
GMOU and KMOU ❤❤ Dhanyawad Baramasa team.❤
@mayankuniyal408 Жыл бұрын
वाह मनमीत भैजी की लेखनी , प्रगति का शानदार अंदाज और बारामासा का टीम वर्क एक साथ मिल जाये तो क्या कहने ❤️
@krishanmohankumarsingh4911 Жыл бұрын
Very good story.
@gaurhavdahiya467 Жыл бұрын
बहुत सुंदर है देवभूमि... मैं दिल्ली में रहता हूँ, अभी मई में दोस्तों के साथ घंडियाल जाना हुआ. खैरालिंग और डांडा नागराज के दर्शन किये. Tourist spot ना होने के कारण tourists घंडियाल की तरफ कम आते हैं, इसीलिए घंडियाल का area बहुत ही प्यारा है. ना गंदगी ना भीड ना जाम. अनछुआ सा इतना सुंदर उत्तराखंड ..❤
@bikramsinghrawat126 Жыл бұрын
Aapne us daur ki yaad taza kara di hai. Gaon se bus me baithte hi aankhon me aansu rukte hi nahi the aur kai kai din tak ghar ki yaad(khud) aati rehti thee. Maa, bhai behnon ke liye chitthi likhte samay bhi bahut yaad aur khud lagti thee aur aankhen paani se bhar jaya kerti thee. Us daur ki yaad dilane ke liye aapka bahut bahut dhanyavaad. 🙏
@dineshbinjola65984 ай бұрын
इस अत्यन्त सुन्दर प्रस्तुति के लिये धन्यवाद , आभार । Many many thanks for such a wonderful presentation.
@pahadiboy8574 Жыл бұрын
वऊ.. प्रगति जी और gmou बस का तो कोई जवाब ही नही.. बहेतरीं प्रोग्राम. कल रात मे आपका सपना आया मुझे और देखो आज आपका प्रोग्राम भी आगया.. 😂😂 कुदरत भी येही चाहती है madam 😜😜 lol
@durgabhatt22604 ай бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति. बधाई. आप ने पुरानी यादें ताजा कर दी हैं क्योंकि मैंने भी बस के 3rd क्लास में यात्रा खूब की हैं. उल्टी कर कर के आधा जान निकल ही जाती थी. गंतव्य पर पहुंचने पर दो दिनों तक सिर घूम रहा होता था. ऐसी nostalgia पैदा करने वाली यादों हेतु आपको साधुवाद. आभार.
@rajinderjoshi2048 Жыл бұрын
Bahut sunder information hai aapne sahi kaha jai uttarakhand 🙏💐💐😊😊
@kamlaptasad1059 Жыл бұрын
बहुत सुंदर मैंने भी बस में नौकरी कर रखीं हैं आज आपने मेरी पिछली यादें ताजा कर दी है आपका बहुत बहुत धन्यवाद जय हिन्द जय भारत माता जय उत्तराखंड जय हो जी एम ओ लि०
@devendrajoshi957 Жыл бұрын
बहुत सुंदर वर्णन है और वाचन या नरेशन बहुत सुंदर है । लगता है जैसे कोई दक्ष ऐंकर समाचार पढ रहा हो । हमारी आयु के लोगों को अपनी जवानी और बचपन की याद जरूर आयी होगी ।शिवप्रसाद डबराल जी को देखने का अवसर अच्छा लगा । मै इनसे मिल चुका हूं ।
@bhupendraofficial9825 Жыл бұрын
वो दिन बहुत याद आते है। जब हम स्कूल जाते थे। सब लोग जाते थे बस मे। सब एक दूसरे को जाते थे, एक साथ बस मे जाना और एक साथ बस मे वापस आना।। वो दिन अब कभी नही आयेंगे 😥
@sushmanegi3764 Жыл бұрын
बहुत सुंदर सच में पुरा बचपन याद आ गया जो बसों में हम ने भी यात्रा की थी बचपन में
@ravindrasingh4950 Жыл бұрын
बहुत शानदार प्रस्तुति। बचपन याद आ गया।
@kcpande6602 Жыл бұрын
उत्तराखंड परिवहन का इतिहास की अत्यंत सराहनीय जानकारी ।
@shamsherchand1296 Жыл бұрын
प्रगति बेटे विषयवस्तु के साथ ही आपकी प्रस्तुति भी बहुत ही शानदार है, आपका आत्मविश्वास प्रसंशनीय है l धन्यवाद
@vinaynegi8564 Жыл бұрын
Mere Nani bus ki awaz sunn k bolti thi ki 1:30 baj gya khana khane aao re... Kyu ki ustym ghr pe ghadi toh ti magar dekhne ka tym ni tha❤❤
@Coyg2023 Жыл бұрын
10:07 Chaudhary Raja Ram- My mother’s Grandfather. Thanks Baramasa for this video.
@sanjeevsharma-jh8jo4 ай бұрын
बहुत-बहुत सुन्दर प्रस्तुति है। दिल को छू लिया।
@dheerajgaira914 Жыл бұрын
Very good job. Bachpan ki yadein taja ho gayi.
@ShivrajSingh-hi7ur Жыл бұрын
आप का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा लगा अभी भी कुछ स्टेट ऐसे हैं जहां पर जानवर बस सेवा खातिर चलती है जैसे वेस्ट बंगाल के कुछ जिले जहां पर लोग अभी भी टाइम का अंदाजा बस के आने से लगाते लेकिन परिवर्तन इतना ही है कि अभी बस स्टैंड पर टाइमिंग बोर्ड लगा हुआ होता है बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम जो पुराने लोगों को अपनी बचपन की यादों में ले गया धन्यवाद
@nandanthapliyal41355 ай бұрын
महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए साधुवाद। लाल झंडी और हरी झंडी वाला गेट सिस्टम (ट्रैफिक ब्यवस्था), सिंगल लेन से डबल लेन, बिना मुंह वाली गाड़ियों का सफर जैसी अनेकों विषय जोड़ कर एशिया की सबसे बड़ी को ऑपरेटिव जी एम ओ यू बस एस सर्विस का संघर्ष और गरिमामय इतिहास को और अधिक रोचक बनाया जा सकता है।
@gajendrarautelahimalayanso2309 Жыл бұрын
वाह शानादर।वैसे कालांतर में इनके साथ साथ उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में रोडवेज की बसों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।उसका भी उल्लेख होता तो और भी स्मृतियां ताज़ा हो जाती।मनमीत भाई और प्रगति सहित पूरी टीम को बधाई।
@bhuwanchaube1447 Жыл бұрын
उत्तराखंड में मोटर संचालन की अच्छी जानकारी प्रस्तुत की गई बारामासा टीम को साधुवाद।
@renudangwal6826 Жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति और संकलन के लिए पूरी बारामास की टीम बधाई की पात्र
@vidyabhat5263Ай бұрын
Even though i have never traveled to this part of the country, i felt so good to listen to Shuddh Hindi, in times where even Hindi news channels speak a mix of Hindi and English..kudos😊
@itsmee9991 Жыл бұрын
Mai baramasa channel ka fan hun Uttarakhand ko or iske culture ko aap jis tareeke se baatate ho wo bahut acha tareeka hai ek kahani ke jaise baato ko sunne ka alag he maza hai Aapki jitni tareef hi wo kam hai
@DeepakSinghBisht7 Жыл бұрын
Absolutely bachpan ki dhundhli yaadein....❤
@myride65757 ай бұрын
बहुत ही सुखद स्मृति रही हमारी भी नानी के घर जाने पर सुभा ही अँधेरे में पास के दूर गाँव तक कही किलोमीटर तक पेदल चल अपने घर के लिए गाड़ी पकड़ना बारामासा के कार्यक्रम द्वारा जीवन्त हो गया आज अपनी गाड़ी होने पर भी में अपनी TGMOC विश्वनाथ सेवा को प्राथमिकता देता गाड़ी में सफ़र करना एक अलग ही सुखद अनुभव अपने गाँव के बुजुर्ग बड़ी बड़ा के बग़ल में सीट मिलना उनसे अपने जेशा स्नेह प्रेम भाव मिलना बहुत ही सुखद
@sauravtewari68196 ай бұрын
बहुत जबरदस्त जानकारी दी आपने और आपके अनुभव तथा संवाद एकदम ज़मीन से जुड़े हुए हैं।
@bhupendraofficial9825 Жыл бұрын
इतनी अच्छी जानकारी के लिए thankयू
@S.Singh.1524 ай бұрын
वाह प्रगति जी आपका अंदाज और शैली से यह प्रतीत होता है कि आपने भी उस दौर में इन बसो से सफर किया हो।
@freeki9490 Жыл бұрын
Top notch , story telling Keep going baramasa team ♥️
@kanishkapangti5254 Жыл бұрын
Bahut badiya... Video dekh kr shaanti se mil gyi
@psrawat2284 Жыл бұрын
आपके कार्यक्रम के माध्यम सेजिंदगी की वह तमाम चीजें याद आ गईजो हमने अपने जीवन में देखा हैबहुत ही सुंदर
@gauravpanthri4382 Жыл бұрын
दंडयो में बस को आता देख एक उम्मीद जगती थी, शायद कोई इनके अंदर हमारे गांव के लिए आ रहा हो। आज उम्मीद के साथ बस भी दम तोड़ रही है। Baramasa is presenting decent topics with good analysis. Long way to go.
@SanjayKandari-xv8sn Жыл бұрын
बिलकुल सही कहा भैजी❤😢
@NegiDaVlog8 ай бұрын
आपने बहुत अच्छे से भाषा का और शब्दों का तानाबाना बुनकर जो शुरुआत की वो बहुत ही सराहनीय और बहुत ही अच्छी लगी❤
@birendrasingh666 Жыл бұрын
बहुत सुंदर व महत्वपूर्ण जानकारी मिली आपके इस कार्यक्रम से धन्यवाद
@manoharkamath5019 ай бұрын
Superb historical piece. Loved the visualisation backed by good researched... Thank you.
@2lbaluni488 Жыл бұрын
Thank u Pragati... Thank u Baramasa... 🙏🏻
@denim__adhikari Жыл бұрын
Hum jesi nayi generation ko isse bhut kuch history ka pta lgta hai. Thank You Baramasa❤
@devendrasinghrawat4017 Жыл бұрын
ATI Sundar prastuti prashansniy Ujjwal bhavishya ki bahut bahut shubhkamnaye
@girishdhoundiyal3978 Жыл бұрын
मेरी मां बताती थी कि जब उनके बचपन में पहली बार बस कोटद्वार से एकेश्वर आई थी तो बडोली में उनके उम्र की लड़कियां उस जमाने में आरती की थाली लेकर बस की पूजा करने गईं थीं।
@rajenderbhandari2672 Жыл бұрын
हम उत्तराखंडी खंडी अपनी धार्मिक भावनाओं पर रहतें है यहीं तो उत्तराखंड है 👌 👌
@jitendrasinghrawat4502 Жыл бұрын
Yes bilkul sahi. Ye Aaj bhi hota hai.
@Barabankiwala Жыл бұрын
Vo bhi cya samay tha .
@rajenderbhandari2672 Жыл бұрын
@@Barabankiwala शानदार दार और आपसी मिलनसार और आगंतुकों के प्रति प्रेम सेवा भाव विलासिता से मुक्त
@brijbhushansinghrawat719 Жыл бұрын
ये कथा अभी भी जिंदा है
@shankarsinghbadmintoncoach28987 ай бұрын
Bahut hi achha ❤ Esi purani uttarakhand se judi hui stories se ankho me aanshu aa gye ❤ bahut achhi story bahut achhe se aapna explain kiya ❤
@bishfcafe Жыл бұрын
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।७० के दशक की याद दिला दी। जब हम बस में बैठते थे चक्कर आने के कारण आंखे बंद कर लिया करते थे और अपनी आंखें तभी खोलते थे जब कंडक्टर कहता था कि आपका स्टॉप आ गया है। जाने कहां गए वो दिन😅😅😅
@subodhnegi5138 Жыл бұрын
पहले तो मैं आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं कि आप ने मेरा बचपन याद दिला दिया ❤️ मुझे आज भी याद है वो दिन जब हमारे यहां नहीं बस सेवा शुरू हुई तो हम बस में बैठने के बहाने
@sauravtewari68196 ай бұрын
दिल छू लिया आपने। बहुत सुन्दर और वास्तविक संवाद। साधुवाद!
@anandabhabhri Жыл бұрын
बारहमासा टीम को सादर अभिवादन मैं आपकी हर वीडियो को बहुत ही शिक्षाप्रद और ज्ञान प्रति विषय वस्तु लेकर आते हैं मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि लाल कुआं के बिंदुखट्टा क्षेत्र का भी भ्रमण करें और यहां की समस्याओं पर भी कोई डॉक्यूमेंट्री सेंचुरी पेपर मिल के प्रदूषण से हो रही मौतों पर विस्तृत डॉक्यूमेंट्री बनाने हेतु हम सहयोग करने को तत्पर हैं
@pradeepchandratripathi6921 Жыл бұрын
Ranikhet dwarahat bus started in 1954.. Dwarahat to kathgodam also same year..later on Dwarahat to almora .and Dwarahat to ramnagar started... bachpan ki thodi YADEY...,1954 a student of mission school Dwarahat.
@eriyaansinghbisht8528 Жыл бұрын
मे आज भी गांव जाने के लिए बस को ही प्राथमिकता देता हूं 😊❤
@garhwali_traveller_ Жыл бұрын
another awesome documentary story ...bachpan ki yaadein
@jodhsinghramola75857 ай бұрын
Bahut accha. Meri 2000 se pahle ki yaaden Taza ho gai.Ab to sirf sochana hi rah gaya. Samay balwan hai. Kaun janta Tha ki ausa hoga
@akshayd1916 ай бұрын
I am not from the UK but I can definitely relate as I used to travel back to my hometown in Kolhapur from Bangalore, seeing this video nostalgia hit me back.
@TheUkWale Жыл бұрын
बहुत अच्छा... आपने आदर्श बस सेवा के बारे मै नहीं बताया....
@Mahadev80902 Жыл бұрын
वाह पुरानी याद ताजा हो गई ।।धन्यवाद प्रगति जी
@harishpande2307 Жыл бұрын
बहुत रोचक व gyanvardhak
@SHUBHAMJOSHIALMORA2 ай бұрын
Very beautiful report and anchoring. Keep it up Team Baramasha
@AIntel540 Жыл бұрын
अति सुन्दर रोचक सजीव वर्णन।
@PuneetDangwal-y2u Жыл бұрын
Thanx a lot for an overwhelming emotional journey......
@Pristinemargdarshak Жыл бұрын
यूँ ही ये बसें प्रगति करें।
@gauravbelwal3678 Жыл бұрын
बहुत सुंदर बात बता रही हैं कियों की आजकल सब कुछ बदल गया
@praveensinghnegi7470 Жыл бұрын
वीडियो देखी का बहोत अच्छी जानकारी मिलिन
@kailashdhyani567 Жыл бұрын
Kumao adarsh motor bhi hmare gao ki taraf kumaon hote hue jaane waali eklauti bus hua karti thi. Ramnagar se Saraikhet. Uss samay sarkari bus suvidha nhi thi. Humare gao m bhi daily bus k aane jaane ko bahut achhe se dhyan rakha jata tha aur usko time kitna ho gaya usse relate kiya jata tha. Road kachhi sadak ki thi. Halaki meri umra 29 saal h. Fir bhi hmne bhi yeh sab dekha h.
@sukhdevchauhan27188 ай бұрын
बारामासा की टीम थैं हार्दिक शुभकामना॥ अपडी माटी,अपडी बोली और अपडी भाषा कु सम्मान करा ॥ सीधू मोदीलैंड(अहमदाबाद) बटी
@alokpandey2936 Жыл бұрын
🙏Thanks for the opportunity to see your another wonderful performance after a long time
@k.kjoshi-harmonica35946 ай бұрын
Very beautifully you have described our past Regards
@sanjayrawat5865 Жыл бұрын
Very nice, keep continue sharing this type of information
@shubhambahuguna1758 Жыл бұрын
i like your information...and your way of giving very good information about our beautiful uttarakhand..keep going
@HomestayOnHills Жыл бұрын
Uttarakhand mein Trip ka Maza Toh Bus mein hi aata hai.❤
@musica_497sakshitrustmusic Жыл бұрын
अति सुंदर, मन को छूने वाली जानकारी
@sharma3147 Жыл бұрын
Very nice info keep it up Jai ma bhagwati Jai uttarakhand
@RahulSharma-rm1dt Жыл бұрын
Great, thanks you
@SantoshSingh-bs4hv Жыл бұрын
बहुत बढ़िया लेख है, पुरानी याद ताजा हो गई
@nareshbisht1690 Жыл бұрын
Adbhut jankari Ji bhut badiya very nice 🙏👍❤
@sumitraarya3954 Жыл бұрын
Beautifully narrated. Dhanyavad
@balwantsingh81389 ай бұрын
Bahut shandar aapane Smriti taaja kara di kuchh nai jankari dene ke liye dhanyvad 🙏🙏
@panditsharma6842 Жыл бұрын
Great Presentation and rare informations
@factbox001 Жыл бұрын
Waah bahut khoob isi trha ke or bhi episodes jarur laate rahe. Congratulations team Baramasha.
@shailendraswaroopjoge637 Жыл бұрын
अपर और लोवर सीट कहते थे।अपर अर्थात फ्रंट सीट का किराया लोअर से डेढ़ गुना होता था हम अपर सीट पर ही सफर करते थे। अमीरी शान होती थी। सत्तर के दशक की याद ताजा कर दी। धन्यवाद K.m.o.u. G.m.o.u. T.g.m.o.u. के प्रारम्भ की जानकारी जुटा वीडियो बनाने के लिए।
@kamalbist555 Жыл бұрын
बहुत सुंदर यादगार की प्रस्तुति।
@anuplalkhanduri2355 Жыл бұрын
प्रगति जी आपका ये कार्यक्रम बहुत ही दिलचस्प रहा। मगर आपने इसको अत्यंत लघु रूप में प्रस्तुत किया।
@Sunilbishtdelhi Жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुती 🌸🤘 एक छोटी सी गलती, 1942 में गाँधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था।
@rahulnegi8266 Жыл бұрын
Bahut achi information h . Aisi jankari her uttarakhandi ko honi chahiye . Hamre purvajo ne pahad pr khet ,rasty ,ghar banaye aaj hm log unko chodkr city m bhag re . Palayanon ko roko plzz
@pankajsingh1463 Жыл бұрын
Very nice Excellent presentation 👏 Gmou but my uncle was upsrtc driver at that time basically gmou busses r very lazy wrt to upsrtc
@MrAMLRETAILS Жыл бұрын
बहुत शानदार जानकारी जी ( अनिल रावत )
@viveknegi5615 Жыл бұрын
Bahut badiya .. ati Sundar
@rashmiuniyal2457 Жыл бұрын
Bahut achchi jankariya thanks baramasa 🎉
@sannjay_ji Жыл бұрын
Love to watch your story telling ❤️
@GaneshMehra32 Жыл бұрын
बहुत सुंदर वर्णन किया आपने बहन.....। 90 के दशक की याद दिला दी आपने😊
@Mayank-mb2in Жыл бұрын
बहुत शानदार प्रस्तुति । 👍👍
@neartonature29235 ай бұрын
बढ़िया प्रस्तुति प्रगति । आप हमेशा आगे बढ़ें 👍👍
@shivprasadsemwal4328 Жыл бұрын
एक खूबसूरत आख्यान, जियो बारामसा,
@hirbeerchauhan4774 Жыл бұрын
❤❤❤❤❤ वाहन हि तो इस 🌎earth environment के लिए खतरा बनते जा रहा या या कहु की काश फिर से वो दोर लोटता हाँ बस सेवा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाना जरूरी होगा,, ,, फिर तो बस ही आदे समाज को जीवंत करती लोगों के किशे और अनुभवों से❤❤काश.......