संगत एक शानदार पहल है हिन्दी साहित्य के लिए। आभार हिंदवी टीम का :)
@sangeetagundecha82414 күн бұрын
मदन जी की बातचीत बहुत समृद्ध करने वाली है l शब्द और अर्थ के संबंध को लेकर, पद और पदार्थ सम्बन्ध को लेकर वे जो कह रहे हैं, वह बहुत मननीय है। जहाँ तक 'समास' पत्रिका में छपने वाले लेखकों को लेकर अंजुम शर्मा ने यह बात कही है कि उसमें केवल भोपाल स्कूल के लेखक ही छपते हैं तो मैं यह सूचित कर दूँ कि 'समास' में समाज विज्ञानी सुरेश शर्मा, दार्शनिक नवज्योति सिंह, इतिहासकार धरमपाल, रंग निर्देशक कावालम नारायण पणिक्कर, उपन्यासकार शम्सुरहमान फ़ारुकी और खालिद जावेद जैसे विभिन्न अनुशासनों के लेखकों से लम्बी बातचीत और इसके अलावा अनुराधा महापात्र , शंखो घोष, जय गोस्वामी, प्रवासिनी महाकुद, नीलिम कुमार, विनेश अंताणी , मणि कौल, महेश एलकुंचवार, हरप्रसाद दास, अमित दत्ता, खुर्शीद अकरम, आद्य रंगाचार्य, अंबिकादत्त चतुर्वेदी, अल्पना मिश्र, अभय कुमार दुबे, ओम शर्मा, कुमार शहानी, अनामिका अनु, सृंजना शर्मा, आशुतोष पोद्दार, डॉ. राजकुमार, स्टीवन ग्रीको, माधव हाड़ा आदि तमाम भारतीय भाषाओं का लेखन प्रकाशित हुआ है। क्या ये भोपाल स्कूल के लेखक हैं? यह मैंने (बातचीत के ज़िक्र के अलावा)केवल दो तीन अंकों से जानकारी दी है। अब यह श्रोता और पाठक ही कल्पना करें कि 25 अंकों में कितने विविध किस्म के लेखक होंगे।
@rishisingh-pc8in3 күн бұрын
Nexus का अनुवाद जानकर ख़ुशी हुई, धन्यवाद मदन जी, धन्यवाद अंजुम
@manjubala23325 күн бұрын
सर आपके प्रयास बहुत ही सराहनीय है शुक्रवार का इस एपिसोड के लिए इंतजार रहता है।
@narendradani95485 күн бұрын
Listening to Soni ji was an experience. He is a man of multifaceted talent.
@radheshyamsharma20263 күн бұрын
Wonderful talk.❤
@ShobhaSinha-lz7bg4 күн бұрын
Wahhhh Wahhhh very beautiful...
@chandrashekharsakalley40935 күн бұрын
बहुत अच्छी चर्चा. बधाई मदनजी और अंजुमजी ।😮
@sanju105203 күн бұрын
बहुत ही अच्छी चर्चा 👌👌👌👌
@punitajain30534 күн бұрын
👍 वंदना टेटे जी के साथ संगत करने का प्रयास भी कीजिए अंजुम जी...
@darshaniklaunda5118Күн бұрын
Waaah
@prakashchandra695 күн бұрын
भोपाल स्कूल में विनोद कुमार शुक्ल, आनंद हर्षुल, रमेश चंद्र शाह, शिरीष ढोबले, ज्योत्स्ना मिलन, कृष्ण बलदेव वैद, जितेंद्र कुमार,उदयन वाजपेई, ध्रुव शुक्ल,मदन सोनी आस्तिक वाजपेई , तेजी ग्रोवर, प्रभात त्रिपाठी आदि आदि । सागर से भोपाल ताल तक।
@manimohanmehta68283 күн бұрын
Anjum you caught him red handed on Bhopal School 😊
@gyanendrasingh33495 күн бұрын
V good
@Jhasushant4 күн бұрын
Good one
@Digitalajaykumar4 күн бұрын
Very good
@pratibhapadhye14874 күн бұрын
बहुत सुघड़ बातचीत !
@gyanendrasingh33495 күн бұрын
Goof
@deepaksapariya85585 күн бұрын
मैं 1 माह से आप की chennal se जुड़ा हूं। अब तक 10 से ज्यादा कार्यक्रम सुन चुका हूं। सभी एक से बढ़ा एक है। शक्षताकार लेनी की आप की रीत सच्ची लगती है, पर जो बिनहिंदी भाषी है वे सभी हिंदी साहत्या की गतिविधि अनजान होते है इस लिए थोड़ा अधूरापन महसूस होता है। एक अनुरोध है की जिनका आप शक्षतकार लेने जा रहे हो, us कार्यक्रम से पहले 15 मिनट का या कार्यक्रम के बाद उनका पूरा परिचय एक vidio बनाए। जिसमे उनकी सभी कृतियां और उससे जुड़े विवाद बताए।
@deepaksapariya85584 күн бұрын
Thanks.
@ashokseth24263 күн бұрын
प्रेमचंद की महानता निर्विवाद है।
@anthhhess34777 сағат бұрын
निर्विवाद कुछ नहीं है, न ही कुछ अंतिम है।
@warismirasi11654 күн бұрын
जल्द अनुवाद का अर्थ ज़रूरी नहीं कि अच्छा अनुवाद भी हो साक्षात्कारकर्ता ने परिचय में व्यंजना का प्रयोग किया है।
@livefully19594 күн бұрын
पुस्तक के रूप में निकालने की कृपा करेंगे।२५-२५ संगतों के खंड निकल सकते हैं।हम प्री-पेमेंट करेंगे 🙏
@crazyxyzvideo12783 күн бұрын
Kya
@pujaraj68474 күн бұрын
शमशेर बहादुर सिंह पर रंजना अरगड़े मैम की किताब है।
@ravishanker96724 күн бұрын
बालों का style बहुत बिंदास
@warismirasi11654 күн бұрын
शास्त्रीय संगीत में नवाचार कहाँ है?
@anthhhess34777 сағат бұрын
है, अगर आप ढूंढ सके तो। रवि शंकर ने सितार पर सिंफनी बनाई, एल सुब्रमण्यम के सिंफनी देख लें, ध्रुव घोष ने सारंगी के साथ किया, अन्य कई उदाहरण हैं। निश्चित रूप से अभी कम किया गया है, और किए जाने की आवश्यकता है पर नवाचार है जरूर।
@warismirasi11655 сағат бұрын
इन सिम्फ़नियों के नाम बताएँ, धन्यवाद! जहाँ तक मेरी जानकारी है ऐसे प्रयोग फ़्यूज़न संगीत के प्रयोग रहे हैं।