मदन कश्यप जी को अरसे से जानता और पढ़ता रहा हूं किंतु आपने जिस अंदाज से उन्हें यहां प्रस्तुत किया है वह उन्हें पारदर्शी तरीके से समझने की दृष्टि देता है l अंजुम जी आपका जोड़ नहीं l बधाई
@Sushma.Naithani10 ай бұрын
सहज बातचीत साहित्य, कविता और दुनिया के बारे में। मदन जी को सुनना अच्छा लगा
@kusumpandey862011 ай бұрын
अंजुम जी कविता क्या पूर्ण कुछ भी नहीं होता है क्या पेड़ पूर्ण होते हैं यदि हां तो उनमें नए पत्ते और वृद्धि होती। मुझे बहुत अच्छा लगा आपका मनुष्य कहां पूर्ण होने के बाद प्रतिवाद के रूप में आप बोल पड़े।
@shreesandeepji Жыл бұрын
संगत चिंतन के एक नए स्तर पर ले जाती है, मनुष्य होने का सही अर्थ कल्याणकारी चिंतन में समर्थ होने में है अनेकों धन्यवाद😊🙏
@ajeyklg Жыл бұрын
सजग और स्पष्ट वैचारिकता । मेरे बेहद आत्मीय । मज़ा आया इन्हें सुन कर ।
@ghanshyamtripathi967811 ай бұрын
मदन जी के साथ बेहतरीन बातचीत।आप दोनों को बधाई
@NARAYANSINGH-vj1oc Жыл бұрын
मदन जी अच्छे कवि तो हैं ही, महत्वपूर्ण वामपंथी विचारक भी हैं। बौद्धिक विचार-विमर्श के लिए अंजुम शर्मा का धन्यवाद।
@ramdularsingh14358 күн бұрын
अंजुम जी कृपया हमारे बनारस वाले ' ज्ञानेंद्रपति जी ' पर भी एक एपिसोड बना दीजिए। आप सभी की बड़ी मेहरबानी होगी। धन्यवाद !
@Anurag_2812 Жыл бұрын
आज के दौर में हिन्दवी किसी वरदान से कम नहीं । अंजुम जी आपको सादर प्रणाम ।
@deoshankarnavin Жыл бұрын
बहुत शानदार साक्षात्कार है. प्राश्निक और उत्तरदाता दोनों को ढेरो बधाइयाँ.
@PublicHealthand.Poetry Жыл бұрын
मोहन बेगोवाल इस बार 'संगत' में बातचीत कवि मदन कश्यप से हुई। इस बातचीत से पता चला कि वह बहुत प्रभावी संचारक हैं।. इस बातचीत के लिए अंजुम द्वारा तैयार किए गए प्रश्न बहुत तार्किक थे; उन्होंने दर्शकों को लेखक और उसके दृष्टिकोण दोनों के बारे में बहुत सारी जानकारी दी होगी। हर प्रश्न का उनसे एक विशेष और सार्थक उत्तर मिलता, जिससे लेखक और उनके काव्य जगत के बारे में बहुत कुछ समझने का अवसर मिलता। इस बातचीत के लिए मदन जी और अंजुम जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
@swapnilsrivastava4625 Жыл бұрын
दिलचस्प बातचीत । बीजू और कलमी की शानदार व्याख्या ।
@पंकजचौधरी-न1ठ Жыл бұрын
संगत के अच्छे साक्षात्कारों मे एक साक्षात्कार यह भी है। संघर्ष, विचार, वंचित, कविता, जनपद, प्रकाशन जगत, कवि का जीवन, जानकी वल्लभ शास्त्री आदि पर इतनी खुली और पारदर्शी बातचीत बहुत कम देखने को मिलती है। मदन कश्यप के कविकर्म को समझने के दृष्टिकोण से भी यह बातचीत पावरफुल है। अंजुम शर्मा की तैयारी प्रभावित करती है। पंकज चौधरी
@गणेशगनी10 ай бұрын
बेहतरीन बातचीत।
@profshriprakashshukla..1553 Жыл бұрын
सार्थक बातचीत।स्वाभाविक चिंताएं।
@Sharad_Kokas.60 Жыл бұрын
यह बहुत महत्वपूर्ण संवाद है। इसमे बहुत से अनसुलझे प्रश्नों के समाधान मिले । आभार मदन जी और अंजुम जी -शरद कोकास , दुर्ग छत्तीसगढ़
@rudranshchoudhary9763 Жыл бұрын
Bahut sunder...shubhkamnay 💐
@arunnaithani5299 Жыл бұрын
बेबाक बोल।साधुवाद अंजुम।
@manojmohan3745 Жыл бұрын
यह आज जाना कि अपने को कैसे रखा जा सकता है, कपोल-कल्पनाओं को भी सच का जामा कैसे पहनाया जाय, यह भी सीखा...
@radheshyamsharma2026 Жыл бұрын
कविता का सत्य तथ्य के सत्य से ऊपर होता है। बहुत बड़ी बात।
@manjusingh9446 Жыл бұрын
अंजुम,कृपया विनोद कुमार शुक्ला जी को जल्द से जल्द इस मंच पर लाइए।🙏
@radheshyamsharma2026 Жыл бұрын
बहुत प्यारा साक्षात्कार
@rudrajha-fb3pp Жыл бұрын
शानदार 👌
@chetnaverma3904 Жыл бұрын
सुंदर और सारगर्भित संवाद! बधाई!
@chetnaverma3904 Жыл бұрын
अंजुम जी ने बहुत सही और सार्थक सवाल पूछे! बधाई।
@aagaazbyrashmileher219411 ай бұрын
क्या कहने!
@mohankumardeheria1332 Жыл бұрын
अच्छी बातचीत
@deepakmishra964 ай бұрын
❤
@सन्नीकुमारबोज़ो Жыл бұрын
वैशाली में कहां से हैं?
@AlokKumar-hh1vt Жыл бұрын
प्रेमरंजन अनिमेष का भी इंटरव्यू लीजिए।
@गिरिजाकुलश्रेष्ठ11 ай бұрын
होलिका वाली कविता में स्त्री के ममतामयी रूप को दिखाया है तथ्य से कोई छेड़छाड़ नहीं है। तथ्य तो यही था कि होलिका जल गयी प्रह्लाद बच गया। कवि ने केवल विचारानुसार चरित्र को मोड़ा है। बहुत ही विचारोत्तेजक वार्त्ता चल रही है।