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रूप पाहता लोचनी | गायक पं.अरूण बुवा कारेकर पखवाज ज्ञानेश्वर बुवा खैरे तबला जगदीश पाटील #अभंग
Lyrics :
रूप पाहतां लोचनीं । सुख जालें वो साजणी ॥१॥
तो हा विठ्ठल बरवा । तो हा माधव बरवा ॥२॥
बहुतां सुकृतांची जोडी । म्हणुनि विठ्ठलीं आवडी ॥३॥
सर्व सुखाचें आगर । बाप रखुमादेवीवर ॥४॥
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