"When aware of the body, I am your Dasa. When aware as a Jiva , I am a part of you. And when aware as the Atman, I am your own Self", said Hanumanji. Dwaita, Vishishtadwaita and Advaita explained in one statement.
@sukhino44754 жыл бұрын
It is called king Kongo, in Thailand. It was a muscular mask ,they wore centuries before COVID hit universe. When I see the monkeys regularly,on my terrace, feeding they even understand my little gestures. Vanara..va Nara ?... Is it man ?.. There are different Ramayanas..in East Asia. Dhanushkoti to Sri Lanka was commutable. There are certain stones, which can float,which Nala can decipher. You can trace them in Thirupullani even today. The cave journey ,denotes dozens of mysterious caves in Thailand. The simhamukhi ,the pulling of his strength through shadow are magenetic forces in Polynesia. The poetical imagination in different regions makes lot of mythology
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@colorguppies4 жыл бұрын
Very incoherent.
@pratyushmandal41114 жыл бұрын
I think "kingkong" in Hollywood also inspired by this name Kongo and Hanuman....
@manojnair61464 жыл бұрын
Please watch kzbin.info/www/bejne/pGewhXihoLd1eMU and give feedback
@xoaddearth80283 жыл бұрын
same story about two non-terrestrial groups fighting on earth.. i wander how blood groups relate to so called "mythology"
@karm54314 жыл бұрын
जय हनुमान🚩 जय श्री राम🚩
@tatsavitar72814 жыл бұрын
Hanuman Hanu means jaw and man is respect. So when indra and other gods respected him after hitting his jaw not knowing who he is was. Then they given him many boons and weapons so he became Hanuman.
@seenasantosh4 жыл бұрын
Hanuman is derived from the word hanumat. Mat indicates prominent quality. So one with a prominent jaw is Hanuman. One whose prominent quality is intelligence is buddhiman. One whose prominent quality is strength is shaktiman and so on.
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@gurubhai31394 жыл бұрын
@Vivs Mishra if this is your reasoning behind the name of Hanuman then please let us know by what name Hanuman was referred to before this Indra incident happened ?
@RajarshiBandopadhyay4 жыл бұрын
@@divyanshudas9634 आपकी गवेषणा बहुत ही सुन्दर है, परन्तु यहाँ हनुमान जी के बन्दर होने अथवा न होने से कोई पार्थक्य नहीं है। हनुमान जी उनके कर्म से जाने जाते हैं, उनके रूप से नहीं।
@divyanshudas96344 жыл бұрын
@@RajarshiBandopadhyay रूप से ही जाने जाते हैं भैया, रूप के महत्व को शून्य नहीं किया जा सकता, कर्म करने के लिये भी उचित रूप का होना आवश्यक है, लंकादहन करने के लिये पूंछ ही तो काम आयी थी हनुमान जी की, यदि वानर का रूप न होता तो रावण का अंत कैसे होता, नर और वानर इन दोनों से ही तो रावण को ब्रह्मा जी ने अभय नहीं दिया था
@uditshah563 жыл бұрын
So beautifully and simply Satyanarayan Babaji Dasa explains the difference between the actual and the translated word.
@nimlanguage27074 жыл бұрын
Hanuman is vaanar and not monkey. Vaanar is a species similar to humans. Also, your explanation of meaning of Hanu and Man is good. At the same time, I want you to explain the philosophical meaning of Hanuman swallowing the Sun. I am sure it was not written with literal word meaning but a more deeper meaning.
@harim87164 жыл бұрын
The meaning of him swallowing the sun could be to show his thirst for knowledge and his curiosity.
@samarthbarshi19164 жыл бұрын
@@harim8716 maybe, a new perspective perhaps
@samarthbarshi19164 жыл бұрын
@lzydwg nope narshimha is just a representation
@mriidulbhatia3 жыл бұрын
I think it’s probably something along the lines of there being a major solar eclipse around the time that hanuman was a child. A solar eclipse that looks like the sun being eaten. But this still doesn’t bring hanuman into the story so if you have an idea I’d love to know
@NileshOak4 жыл бұрын
On a lighter note, Bhagavan is NOT equal to Lord.
@GauravSingh-i7q4 жыл бұрын
Hanuman was taught by Mahadev Shiv who is also known as adiguru . He was also taught by suryadev .
@shardanarayanan92994 жыл бұрын
This is a wonderful series, so healing and soothing to listen to Babaji. It reminds me of the adage that even the darshan of sants leads to punya.
@Saakalyaindia4 жыл бұрын
Van + Nar = Vanar Van = Forest, Nar = Man One who lives in the forest
@hemantsensible34974 жыл бұрын
Yes this is more sensible explaination than what guest is trying to convey.
@seenasantosh4 жыл бұрын
@@hemantsensible3497 No. what babaji is saying is correct. It is vaa nara (or) vaa anara. A forest man in Sanskrit would be vanavaasi
@sanjaydeopa62484 жыл бұрын
Your definition is also used by missionaries
@adityajha50744 жыл бұрын
Vanar means monkeys by Sanskrit grammar
@RajarshiBandopadhyay4 жыл бұрын
@@adityajha5074 Van + Nar would be Vannar वन + नर = वन्नर
@arunminnas4 жыл бұрын
Beautifully explained by Babaji
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@captaink994 жыл бұрын
Hanuman walks on this earth even today.... his presence is there today and protects those defending dharma. #dhyanfoundation
@thrinethran28854 жыл бұрын
Regarding the untranslatable, I am very uncomfortable with Lord Ramachandra, Lord Krishna etc. Why don't we avoid this foreign honorific altogether? It should be Bhagavan Sri Ramachandra, or just Sri Ramachandra. Similarly with Sri Krishna, Sri Ramakrishna, with whom we should use only Bhagavan or none.
@JDM7974 жыл бұрын
100% spot on!
@thearyaflix87003 жыл бұрын
@Shrideep Paul It can happen slowly and only if it's sustained. First we have to use Western terms then we have to use both Western and Indian and then demolish Western
@pdtmishra87464 жыл бұрын
Sir, 1. "Samarpan" is not surrender. 2. There is no word in any language that equates "Moksha"
@RajarshiBandopadhyay4 жыл бұрын
@Shrideep Paul No, अर्पण implies an offering, and समर्पण = सम् + अर्पण implies that which is like an offering. An offering is something handed to a deity or a cause, while a samarpana is something handed to a fellow human, but with a similar sense of devotion and dedication towards the recipient. The two actions are not identical, since in Arpana there is no direct cognizable recipient, and the offering is made in a symbolic sense, but in Samarpana the offering is literal.
@jignesh93063 жыл бұрын
Samarpan means to give someone without expecting getting something back
@Aniket100083 жыл бұрын
@@RajarshiBandopadhyay samarpan means samyak + arpan. Samyak means complete and arpan means offering. So samarpan means complete offering ie, offering of oneself completely. Ie, complete surrender
@SKP-op4vd4 жыл бұрын
Very impressed by the knowledge and depth of learning of this Traditional Acharya, Satyanarayana Dasa Babaji. The coming together of this sadhu with Rajiv ji is truly fortuitous for Sanatana dharma.
@ShreyaOkhde4 жыл бұрын
Sir I am so thankful to you for making all these videos. Finally I am able to give logical answers to my children. You have given me confidence to not avoid children's sharp questions...
@DeepanshuTomarJi4 жыл бұрын
Hanuman is immortal
@nopenot13104 жыл бұрын
Chiranjeevi*
@jyaangodgiven.9664 жыл бұрын
Immortal or चिर means for long time on this earth (to live for yugas). However, we all are eternal that means soul is eternal we never die nor take birth.
@sm-ts5vq4 жыл бұрын
Just watched an 'audible' ad of some book on krishna. There it says 'yuddha karo phal ki chinta na karo'. They just distorted the phrase so cleverly.
@jyaangodgiven.9664 жыл бұрын
Yes that is nowhere in the Bhagvad Gita😂
@sadenb4 жыл бұрын
He has multiple stories. We cannot definitely say all as equally true.
@ecpavanec4 жыл бұрын
Kapi also means knowledge and kapish means highly knowledgeable person
@sadenb4 жыл бұрын
When I read Ramayana I always considered the Vanaras as forest tribe, maybe a different subspecies. But then I cannot reconcile with them flying. It's hard to understand which parts of Ramayana are factual history and which of it is more the poetic license taken by Valmiki.
@rishavbhowmik77784 жыл бұрын
If Vanars were tribes then Ram's friend Guha would have been called vanar too. Hence Vanars were defiantly different species, and it is very likely as if you go by Vedic time system, this incident should be older than 17thouand years. and archeologically there were many other human like species, and Homo Erectus are said have gone extinct 50K years ago which an uncertainty of +- 30K years... which brings it very close to the possibility of ....
@infinitewisdom60654 жыл бұрын
Thank you for bringing us these nuggets of wisdom.
@amlaansatapathy36754 жыл бұрын
The Devatas Disguised themselves as a completely different form, a mixture of Human and Monkey characteristics in order to counter the Boon given to Ravana by Brahmadev. Lord Rama appeared as a Human and Lord Shiva appeared as Hanuman (Rudra Avatar) and led the devatas (as Vaanara) to defeat Ravana army. That's why Lord Hanuman is very powerful, intelligent, Jnani, Yogi just Like Lord Shiva.
@hemantsensible34974 жыл бұрын
There is inherent flaw in this story. Remember Hanuman didn't kill or defeated Ravana.
@Ravi-nx3vz4 жыл бұрын
Jai Shree Ram
@SNM0074 жыл бұрын
More that devotion to lord devotion to devotees of Lord pleases Lord more. Hanuman is greatest devotee, so we pray to him to get his mercy so tht we can also do bhakti like him and become dear to Lord. Forms are subservient and irrelavant in bhakti. .
@DevanshNegi4 жыл бұрын
Jai Hanuman ji Jai Shri Ram ❤️🙏❤️
@अर्जुन-य8झ3 жыл бұрын
धन्यवाद् श्री सत्यनारायण दास बाबाजी 🙏
@aratikakarmath44464 жыл бұрын
His is worshipped because although he is intelligent, brilliant & having lot of power never used his power in wrong direction & never had arrogance of his power always helping good people, for justice like Sugriva & besides he was a prince never ruled as king, always served to good people.
@अर्जुन-य8झ3 жыл бұрын
धन्यवाद् श्री राजीव मल्होत्रा जी 🙏
@jairajlsingh4 жыл бұрын
My humble obeisance to both you Prabhus . Ive visited many hindu sites and openly declare 99% of them don't know sastra. They confuse the sincere seekers.
@OMrevision4 жыл бұрын
How did hanuman ji did lanka dehen? The story goes like this: ravan put his tail on fire and then hanuman ji burnt the lanka by his tail. If he was not a monkey how he has a tail? Please explain this anyone.
@boogiewoogie49844 жыл бұрын
Rajiv ji said that "vanara" were a different species all together - most characters like a human, some characters of a monkey. The species doesn't exist today, do its difficult to prove !!!! Hanuman burnt down the entire Lanka because he was powerful. Any ordinary monkey will be burnt and die if its tail is put on fire !!!!
@kunaltannir5054 жыл бұрын
Ram Laxman Janki Jai bolo Hunman ki
@mnmotwani4 жыл бұрын
Hello, Using the Term "Lord Ram" is also absolutely incorrect and it's used multiple times in your video.
@amongussus44 жыл бұрын
Bhagwan Shri Ram
@amongussus44 жыл бұрын
Westerners call even demons lord Lord voldemort
@नामसंगीति4 жыл бұрын
चीन मे भी एक बन्दर राजा है । उनका नाम Sun Wukong है । हमारे हनुमान जैसे वे भी महान है । journey to west मे उनके कारनामे की बर्णन है । ये शास्त्रमे चिनिया बोधिसत्त्वको भारतमे शास्त्रोको लेने के लिए आये यात्राकथा का लम्बी वर्णन नै । ये"बानर" चिनिया महायानी बौद्ध देवता है । वे चपल, जहाँ भी जा सकने वाला, सब से शक्तिशाली, सिद्धपुरुष, अमर, देवताओंके राजाके सिंहासनमे बैठचुके और 'वित्त'के प्रतीक है ।ये दोनो बानराणां अग्रगण्य है । ये दोनोको सादर प्रणाम है ।
@jvs92813 жыл бұрын
Thank you Swamiji and Rajiv ji 🙏🏼🙏🏼
@ChidVanhi4 жыл бұрын
Sri Hanumān was Nava Vyākarana Panditha (Expert on 9 types of Grammer), Bahu Bhāshā Kovida (Expert of Multiple Languages), Top Vedic Scholar, Possessor of AshtaSiddhis [not even many Devatās possess these], Master Yogi, Strongest Man ever walked on earth... + infinite great qualities...
@manoranjandutta9894 жыл бұрын
Very interesting information on Lord Hanuman.
@drjaykumarpanda4 жыл бұрын
Concept made Clear. Thanks Sir
@narasimharaovallabhajosyul30304 жыл бұрын
Very beautiful & interesting explanation
@abhaychundawat80403 жыл бұрын
बहुत बढ़िया 🙏🙏🙏🙏
@webphantoms52423 жыл бұрын
How to say monkey in sanskrit?
@suniljoshi59354 жыл бұрын
Beautiful video and very very informative
@prasadasgoa3 жыл бұрын
Is Vajra = Thunderbolt?
@hasmukhjain8914 жыл бұрын
जय बजरंग बली
@ecpavanec4 жыл бұрын
Hanuman is avatar Rudra it said..if you clearly see you can understand. Rudra doesn't only mean Shiva. All names are names of Vishnu. And it's name of Vaayu then Shiva. So Hanuman is Vaayuputra and Rudraputra not shivaputra...
@jyaangodgiven.9664 жыл бұрын
Rudras are expansion of Shiv ji
@ujwalsshetty503 жыл бұрын
@@jyaangodgiven.966 All the names denotes Vishnu only...Btw...Narasimha avatara of the Lord is glorified by the term Rudra in the Vedas
@abc_t53 жыл бұрын
By 'devotion to a devotee of my devotee' means service to mankind, I guess. Because what's the point of creating idols and worshipping? Wouldn't God wish his creations to be helpful and kind to all his other creations - humans, animals, birds, etc
@unicorndiva13574 жыл бұрын
Reclaim Dharma🙏
@arjunsrikrishnan4 жыл бұрын
In south India, the husband of Kundhavai who is the elder sister of Rajaraja 1 the great. His name was Vandhiyadevan... he is from Vanar Kulam
@harajyoti_kar884 жыл бұрын
Please ask about the bear friend Jambhaban he is also a fantastic character in ramayan
@animeshvarma4 жыл бұрын
Sir Varnara means someone who live in vann(jungle).
@animeost91933 жыл бұрын
You can see many monkeys around Hanuman Temple
@3ggymania4 жыл бұрын
As an American whose grandparents are from India, I grew up learning about both Hindu culture and Native American oral histories and have shared a fascination with them both. Interestingly, the Sanskrit term "Vanara" ('forest man') has a very close analog to the Native American term "Sasquatch" (from the Salish language meaning 'wild man of the woods'). Both Native Americans and Hindus have a deep respect for this race of beings, renowned both for their keen intellect and their deeply spiritual nature.
@atulkotwal4 жыл бұрын
Hanuman is worshipped because he did Bhakti Seva to Shri Ram . Bhakta is the Bhagwan himself both are one and the same. Jai Shri Ram. Har Har Mahadev.
@sydneysid81624 жыл бұрын
@rajeev malhotra G i am not sure of u keeping en eye on the number of followers, less n less views on new videos, Indians still suffering from Stockholm syndrome huh
@YATIN04 жыл бұрын
Rajeev Sir, You are doing great and honourable work for us and our itihas. I have tremendous respect for you. My generation is contaminated by catholic schooling. How do we reintroduce our next generation to go back to our heritage and culture? I want to participate in your journey. Thank you Sir.
@fearlessnand5284 жыл бұрын
महावीर हनुमान आर्य थे लेकिन गुरु घंटाल ने उनको बंदर बना दिया.
@ARCHANASINGH-sf5xt4 жыл бұрын
Wonderful n regards
@sibenshome4 жыл бұрын
Vanara.. Vana means Forest..and NaRa means Man ..(Forest Inhabitants or Can say Adivasis of that Particular Area )..Rajiv Malhotra Sir
@sgunjan734 жыл бұрын
Very Nice video Rajivjee..only one suggestion ..in video you said He was...why was...He still living in physical body..he is one of the Chiranjeevi (among 7 cheeranjeevi). Namaste 🙏
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@ashwanigoyal29154 жыл бұрын
Good analysis sir
@naharsinghshekhawat76894 жыл бұрын
वन नर, अर्थात वन में रहने वाली मनुष्य। वन नर का अपभ्रंश वानर हो गया और मनुष्य को वानर बना दिया।
@kaushikgohil54584 жыл бұрын
Vanara Means Those Nara Who Stay in Vana (Forest)
@girishchandra68064 жыл бұрын
Why Osho coined the term PongaPandit?
@partharaja654 жыл бұрын
Because osho himself was that.
@rajmohane63053 жыл бұрын
What about tail ?
@dnynashwaradagal13653 жыл бұрын
हमारी पूरी सृष्टि त्रिदेव में समाहित है ३+३=६+३=९ सत्य सनातन वैदिक धर्म के हिसाब से टोटल ९ ग्रह 🚩🚩🚩🚩👍
@rama151119884 жыл бұрын
During mahabharat krishna fasted for shiva and worshipped him
@parthdeepsingh3 жыл бұрын
Great work
@shanu66334 жыл бұрын
Yai 10 dislike karne wale kis maulana ki paidaish hai.
@hussnainmiranshani78513 жыл бұрын
Hanuman bhi sita ki leeta raha hai Jahil dharm
@hitessh05554 жыл бұрын
Dear sir Since you have been doing a wonderful job and connecting the dots and trying and bringing back the pride of the nation, accept my wishes and achieve more success. Please allow me to give you an advise on the matter of poranik mindset and belief system. Kindly organise a debate between Arya Samaji's and poranik learned persons because in this topic of belief system there is so much that is not been explored and distorted in some way. Knowing and speaking sanskrit is not enough. It's highly important to address the real issue behind the downfall of hindu's and wrong belief system is one of that. Kindly look into this.
@gurubhai31394 жыл бұрын
I don't understand ... You started by saying that Hanuman was not monkey and ended by stories of Bhima unable to lift Hanumanji's tail. So you guys are suggesting that during Mahabharat and Ramayan time period there was a human like species with tails. Also can you give detailed description about the parents of Hanuman ... Who were they? How they looked ? ... This information will be helpful in understanding Hanuman as not a monkey but a different species.
@rakshityadav75274 жыл бұрын
Awesome really Great video
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@preetinderjitsingh4293 жыл бұрын
Contradictory ! Then what about ravan burning his tail ?
@AnuCampbell4 жыл бұрын
Also please explain why image as mon key , there is reason for draw pic like that. Like lord ganesha actually he not look like that, cause he is deva the devas- means leader of deva. And leader be like with big brain ,big nose for smell what's going on srounding, big stomach means hold everything in gut , big ear means capability to listen everything. And his ride on mooshika ( rat) means his profile very little. That's what represent so artise draw that way. But in reality its not way look as elephant and of course people over period makes up story to makes like he is elephant head god . but its not. Same way go to hanuman, please explain ?
@rpani9054 жыл бұрын
Rama used to worship Lord Shiva, Shiva Amsa Hanuman used to Worship Rama...🙏
@ujwalsshetty503 жыл бұрын
Rama worshipping Shiva is not mentioned in Valmiki Ramayana...its only mentioned in Ramacharitmanas and some shaiva puranas
@vikingdragons11584 жыл бұрын
Rajiv Sir, I beg your pardon, in the video Mahabirji was addressed as he was but Sir Pavan Putra Shri Hanumanji is immortal. as long as Siya Var Ram Chandra is pronounced in this planet. Jai Shri Ram... 🙏
@vijaya8sri4 жыл бұрын
All great talk..but why call Shri Rama by the colonial term LORD Rama
@PSHT114 жыл бұрын
Wasn't Hanuman one of the Neanderthal men, who lived in the forests in the south part of ancient Bharat? I think Vaanar means those who live around / wander around in the forests.
@AnuragMishra-tq6nk4 жыл бұрын
yes
@kanaka1084 жыл бұрын
Neanderthal men were not learned.
@theinstayatri3 жыл бұрын
No relationship with Neanderthals. 😏
@jignesh93063 жыл бұрын
Vanar means who live in van(वन) forest so its gives the location, they lives in forest that’s why in Valmiki Ramayan says vanara they are just human like us only it’s habitat name
@Zenarnesh4 жыл бұрын
✔️ Very Informative Video as always. Its a need of today's generation. With Little knowledge i have by reading and listening about Hanuman. He is one of most powerful beings in universe . Highly Intelligent and Yes He was a Vanara . Many says that Vanara were beings from another planet. They were different species which were highly intelligent and as paar with Humans infact more powerful than Humans. Becuz they were physically strong as well. Moreover Hanuman is most of the time characterized as A devotee which is True but at the same people have taken his humble for granted. A Scholar , A Yogi with almost all the siddhis infact he is said incarnation of Shiva, so you can imagine his powers . No Weapon in the universe had any effect on him unless he chose to etc. This can go on and on but i would stop here and say we should educate our selves about these things along with others books. Pranaam 🙏
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@jayakrishnanm78384 жыл бұрын
Namaste 🙏🙏🙏
@saratsaratchandran30854 жыл бұрын
The tail of His, points him to be a monkey than a human! Can Babaji explain that?! The matter of tail is in the purana at Lanka Dahanam and confrontation time with Bhima on his way to fetch Kalyana Sougandhikam flower for Draupati! God can manifest in any form and we don't have to be embarrassed if God chose an animal or a fish form! It comes from an anthropomorphic hangup and human arrogance to identify God in their own form. Would the word Vanara can mean people of the forest!?
@Dagar_Pawan4 жыл бұрын
जय बजरंग बली 🙏🙏
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@hasmukhchouhan28223 жыл бұрын
please interview acharya agnivrath naisthik he is vaidik physics scholar
@drvk67764 жыл бұрын
good
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@coolpranav84494 жыл бұрын
Service not= Seva service is used in this video multiple times, please try to replace ...
@sahirdoshi55543 жыл бұрын
Why do we take it as a bad thing if people say we worship monkeys? We do. We revere all life and especially protect wildlife including snakes and elephants, as well as rivers, mountains, trees, etc. It is a beautiful thing. It is part of why our culture and civilization historically did a better job of conserving nature and all its economic, social, cultural and ecological benefits than the Western/Middle Eastern or East Asian civilizations. It doesn’t matter if Hanuman was vanar, monkey, kapi, human, Shiva etc - he is deified and we protect the langurs in his name. By doing so, we have protected the natural seed dispersers of the trees that nourish our land. Who cares if some western people make fun of us for worshipping nature - it’s one of the proudest things about our culture.
@arijitroy9294 жыл бұрын
Highly informative video. Most of us are unaware of such facts... Thats why westernized translations should not be blindly trusted. Lot of Sanskrit words doesn't have english translation. English words are limited.... Hanuman ji was Rudra avatar. Jai Bajrang Bali.
@Ms2unify3 жыл бұрын
It is still a mystery but the modern day YETI or Sasquatch are human and ape like. Known to have strength, mind control and other special powers of being ellusive. Also they are creatures that stay in the forest, so Van Mar - also describes them.
@abhishekkhandewale75543 жыл бұрын
There's a difference between कपीश and कपिश. The colour is कपिश. And कपीश has only one meaning - the lord of monkeys.
@kmraoin4 жыл бұрын
Vaanar = Vann mein rahne vaale nar. Men who live in forest. Well explained. Thank you Rajeev ji n guruji
@satyabratasatapathy66154 жыл бұрын
Is gyan = knowledge Or dharma = religion
@vigneshbegins24024 жыл бұрын
Gyan wisdom not knowledge
@sajallapraveen83674 жыл бұрын
Dharma means responsibility
@KotechaShyam4 жыл бұрын
Check this for more info: www.quora.com/Why-is-Hanuman-represented-as-a-Monkey/answers/207982199?ch=10&share=1a9e8847&srid=TLAd
@rama151119884 жыл бұрын
Shiva is a great devotee of vishnu,vishnu is also a devotee of shiva,from the advaitaic stand point,there are many schools of thoughts,shiva and vishnu are equals,worship shiva,krishna or Shakti result is the same,as a smartha i see this as logical conclusion, in the sandhya Vandana we say in shivas heart resides vishnu and in vishnus heart resides shiva,shiva and vishnu are equals
@ujwalsshetty503 жыл бұрын
No one can be equated with Narayana...He is one without a second...
@vanhannu4 жыл бұрын
Naman to both the gyani, I am from Ayodhya, since centuries the Hanuman temple at Hanuman gadhi is bigger than Shri Ram Mandir. We 1st go to Hanuman ji for darshan, because we believe that, going directly to Shri Ram Mandir will be total waste. To emphasis that Hanuman was indeed a man, I named my son ANJANEYA and lovingly we call him HANU( CUTE JAW )
@arunminnas4 жыл бұрын
Interesting, Hanuman vigraha is bigger than Bhagwan's. That's right actually, I have seen some really huge idols of Hanuman but never such a big one of Lord Ram
@divyanshudas96344 жыл бұрын
@Anony Mous सही कहा
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@satyabratasatapathy66154 жыл бұрын
But vanara would be like van - forest and nara - human .
@divyanshudas96344 жыл бұрын
जन सामान्य से एक निवेदन है कि जिन्हें भी इस बात पर शंका है कि हनुमान वानर थे या मनुष्य, वे वाल्मीकि रामायण संस्कृत श्लोक तथा अर्थ सहित, पढ़ लें, विशेष रूप से किष्किंधा कांड जिसमें बाली, सुग्रीव इत्यादि सहित हनुमान का वर्णन है, आप स्पष्ट रूप से वहाँ ये पाएंगे कि हनुमान वानर या सामान्य भाषा में बंदर ही थे, अब कुछ का कहना है कि कपि शब्द का अर्थ दूसरा है, वानर नहीं है, ऐसे में तो कपि का एक अर्थ हाथी भी होता है, तो क्या हनुमान जी को हाथी समझ लें, किस का क्या अर्थ निकाला जाये यह उस पात्र की चेष्टओं से निर्धारित होता है, किष्किंधाकांड में आए पात्रों की क्रियाएँ वानरों जैसी ही है, मनुष्य यहाँ तक कि आदिवासियों की क्रियाएँ भी ऐसी नहीं होतीं, यदि कपिश शब्द का एक अर्थ भूरा माना जाए तो भी ये बात वानरों के लिए ही सही बैठती है, यही बात गणेश जी के संदर्भ में भी है, एक बात ध्यान देने योग्य है कि ऐसा तर्क देने वाले अक्सर अपने विडियो में कोई स्क्रीनशॉट, पृष्ठ संख्या या प्रमाण नहीं देते, राजीव मल्होत्रा जी से भी निवेदन है कि कृपया स्वयं एक बार उक्त रामायण ग्रंथ पढ़ लें, यह किए बिना न सीखें न सिखाएँ, सनातन धर्म में सभी का स्थान हैं पशु पक्षी, पेड़ पौधे, पर्वत नदियां, सभी का, आप जिसे मूढ़ या निर्जीव समझते हैं वास्तव में उसमें जीवन शक्ति निहित है, पुरातन विज्ञान का लोप ही इस अज्ञानता का कारण है, "कपीनां किल लांगूलमिष्ट्म भवति भूषणम, तदस्य दीप्यताम शीघ्रम तेन दग्धेन गच्छतु" सुंदरकाण्ड के 53वें सर्ग के तीसरे श्लोक में यह स्पष्ट हो जाता है कि हनुमान जी वानर थे, क्योंकि रावण द्वारा हनुमान जी के लिए राक्षसों से कहे गए इस श्लोक का अर्थ है "वानरों की पूंछ उनका अति प्यारा भूषण है, सो इसकी पूंछ जला दी जाए और यह जली हुई पूंछ लेकर यहाँ से जाए" लांगूल का अर्थ पूंछ ही होता है, ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में भी आया है, आप स्वयं जांच कर सकते हैं, दोनों स्थानों पर इसका यही अर्थ है, लांगूल का दूसरा अर्थ भी होता है संस्कृत में जिसे आप स्वयं देखें और विवेक से निर्धारित करें कि कौन सा अर्थ रामायण के लंकादहन के प्रसंग में माना जाएगा, spokensanskrit.org/index.php?mode=3&tran_input=lAGgUla&script=hk&anz=100&direct=se आपकी सहायता के लिए एक url है यह, ब्राउज़र में copy paste करके देख लीजिये, ऐसे और भी अनेक श्लोक आपको वाल्मीकि रामायण में मिल जाएंगे, सनातन धर्म हमारे पुरखों से ही हमें प्राप्त हुआ है, अपने पुरखों को मूर्ख मत सिद्ध कीजिये
@thariduantony18584 жыл бұрын
Wonderful news about catching sun. When will we stop to be misguided by story's.
@rama151119884 жыл бұрын
Stop preaching bible Jesus walking in water is a fairy tale
@chanchalchaudhary62454 жыл бұрын
जय श्री माताजी श्री गणेश जी ओर हनुमान जी दोनों आदिशक्ति के गण गणेश जी के गुण अबोधिता ओर पवित्रता है शिशु सम अबोधिता मे ही पवित्रता है श्री गणेश जी सदैव शिशु सम अबोध रहते हैं इसलिए वो बुद्धि के देवता हैं क्योंकि शिशु सम अबोधिता से हम अंहकार प्रति अंहकार से ऊपर उठ कर परमात्मा के श्री चरणों के लायक बन जातें हैं इसलिए गणेशजी सदैव श्री माताजी के श्री चरणों में समर्पित रहते हैं ओर हनुमान जी आदिशक्ति माता के सभी कार्य करते हैं हनुमानजी में भक्ति ओर शक्ति अद्भुत समन्वय ओर गुण है आदि शक्ति के दोनों गण ही सभी कार्य करते हैं ओर सभी की सुरक्षा भी करतें है सभी को शेयर करे प्लीज जय श्री माताजी
@shreyan16984 жыл бұрын
I watched Simbly Chumma's video on a similar topic. She said that Vanara was mistranslated as monkey. The word actually means forest man. And analyzing the way Valmiki described the Vanaras, there's this theory that Vanaras were actually Homo Neanderthals. This also busts Darwin's evolutionary theory as this would clearly mean that the two species of humans, Neanderthals and Sapiens had actually co existed.