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६ ) सच्चा दोस्त
जिंदगी के सफर में चलते चलते साथी तो कितने ही मिल जाते हैं. उनमे से किसीके साथ गहरी दोस्ती हो जाती है कभी कभी.पर सभी थोडी ना दोस्त बनते हैं ! और मानो के दोस्त बन भी गये, तो सच्चा दोस्त कैसे पहचान पायेंगे. जानते हैं चलो सच्चा दोस्त इस कविता में
एक राही ने मुझसे पूछा
ऐ हमसफर, बतला जरा
ये दोस्त कैसा होता है?
सच्चा दोस्त किसे कहते हैं?
मैने उससे कहा
जो मुसीबतमें काम आये ,
और याद आतेही मन शांत लगे
ऐ राही, वही दोस्त होता है
पर पहचानेंगे कैसे उसे?
मूंदकर अपनी आँखें
सोचो कि तुम हो मुश्किलमें ,
दिलसे पुकारो किसीको ,
हाल सुनाओ उसको
और फिर गौरसे देखो ,
किसकी तस्वीर दिखी ?
बस्स ,दोस्त है वही
जिसे याद करते ही सुकून लगे
चेहरे पर smile आ जाये
खामियों को नजरअंदाज करे
कांधे पर जिसके सिर रख सके
पूरा भरोसा जिसपर डाल सके
जरुरत पडने पर जो डाँट भी लगाये
सफलता का सही रस्ता जो दिखाये
यारों ! वही दोस्त होता है.
जरूरी नहीं वो रोज मिले
ऐसा भी नहीं के उसके
रोज रोज messages आये
करे हर वक्त वो मीठी बातें
ये बिलकुल भी expect ना करें
दोस्ती एक अजीब सा गणित है
Friends ! फायदा या नुकसान को
इसमें कोई जगह नहीं है.
जो हमेशा निभाये दोस्ती
बुनियाद रखे विश्वासकी ,
तुम्हारे याद करतेही ,
भूलकर निजी परेशानी ,
चिंता ना करे फासलेकी
जुगाड करे सहायताकी
हल निकाले मुश्किलोंकी
समझ लो सच्चा दोस्त है वही
प्यारे दोस्तो ,सच्चा दोस्त है वही
सच्चा दोस्त है वही